
भीमा-कोरेगांवः यूएपीए के ख़िलाफ़ कार्यकर्ता शोमा सेन बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंचीं
The Wire
भीमा-कोरेगांव हिंसा से जुड़े एलगार परिषद मामले में आरोपी नागरिक अधिकार कार्यकर्ता शोमा सेन ने कहा है कि उनके खिलाफ मामला इलेक्ट्रॉनिक सबूतों के आधार पर तैयार किया गया था, जिसे एनआईए ने कार्यकर्ता रोना विल्सन के कंप्यूटर से बरामद होने का दावा किया था. उन्होंने कहा कि उनके ख़िलाफ़ इकट्ठा किए गए सबूत फ़र्ज़ी हैं और उन्हें प्लांट किया गया है.
नई दिल्लीः भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े एलगार परिषद मामले में आरोपी नागरिक अधिकार कार्यकर्ता शोमा सेन ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा गैरकानूनी गतिविधि (निरोधक) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोप लगाए जाने के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी है. शोमा सेन को जून 2018 में गिरफ्तार किया गया था और वह तभी से मुंबई की बायकला महिला जेल में बंद हैं. वह उन दर्जनभर शिक्षाविदों, वकीलों और कार्यकर्ताओं में से एक हैं, जिन्हें एनआईए ने इस मामले में आरोपी बनाया है. शोमा सेन ने अपनी याचिका में अमेरिका की एक डिजिटल फॉरेंसिक संस्थान ‘आर्सेनल कंसल्टिंग’ की एक रिपोर्ट का उल्लेख किया है, जिसमें दावा किया गया है कि एक साइबर हमले के जरिये कार्यकर्ता रोना विल्सन की गिरफ्तारी से पहले उनके लैपटॉप में सेंध लगाई गई थी.More Related News