भारत 2047 तक बनेगा विकसित देश! वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कैसे?
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Nirmala Sitharaman ने एक कार्यक्रम के दौरान भारत को विकसित देश बनाने की दिशा में इनोवेशन (Innovation) को बेहद जरूरी बताया है. उन्होंने कहा, इकोनॉमी की समस्याओं को दूर करने और 2047 तक इस लक्ष्य को पाने में इनोवेशन मददगार साबित होगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharamn) ने गुरुवार को एक कार्यक्रम के दौरान 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र (Developed Nation) बनाने के लिए जरूरी बातों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि नवाचार (Innovation) के जरिए इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है. इसके साथ ही सीतारमण ने इसके लिएडिजिटलीकरण की असीमित क्षमता पर जोर दिया.
2047 तक लक्ष्य पाना मुश्किल नहीं पीटीआई के मुताबिक, बेंगलुरु में फेडरेशन ऑफ कर्नाटक चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FKCCI) की 105वीं वार्षिक आम बैठक के दौरान यह बात कही. उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा कि अगर देश के लोग उसी तरह का जज्बा दिखाएं, जैसा उन्होंने कोरोना काल में दिखाया और महामारी के बाद तेजी का माहौल कायम रहा, तो 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाना नामुमकिन नहीं है.
कोरोना काल का किया जिक्र वित्त मंत्री (Finance Minister) ने कोविड-19 (Covid-19) के समय का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय आर्थिक जगत चुनौतियों का सामना करते हुए इस मुश्किल समय से बाहर निकलने में सफल रहा. उन्होंने कहा, वर्तमान समय और वर्ष 2047 के बीच जो चीजें की जानीं हैं, उनमें इनोवेशन बिल्कुल एक कुंजी की तरह से काम करेगा. इकोनॉमी (Economy) की समस्याओं को दूर करने के लिए इनोवेशन बेहद जरूरी है. इसके जरिए हम विकसित इकोनॉमी बन सकते हैं.
डिजिटलीकरण का महत्व समझाया सीतारमण ने देश के आर्थिक विकास में डिजिटलीकरण (Digitalisation) के महत्व को समझाया. उन्होंने कहा कि डिजिटलीकरण में आगे बढ़ने के लिए व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं. इस मौके पर वित्त मंत्री ने कहा कि अगले साल देश के कई हिस्सों में जी-20 बैठकों का आयोजन होने जा रहा है. इसमें कर्नाटक को अपनी ब्रांडिंग करने पर ध्यान देने की जरूरत है.
सीतारमण ने कही ये बड़ी बात वित्त मंत्री ने कहा, हमारे पास करने के लिए बहुत कुछ है, मैं यह नहीं कह रही कि हम वह सब हासिल कर पाए जो हम करना चाहते थे. अभी भी समाज के कुछ तबकों को अधिक मदद की जरूरत है और हम इसका पूरा ख्याल रख रहे हैं, हम उनकी मदद कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उद्योग मंडल को कर्नाटक के उद्योग एवं व्यापार संगठनों के साथ मिलकर राज्य की अलग ब्रांडिंग करने के लिए प्रयास करना चाहिए ताकि राज्य के अपने खास उत्पादों को अलग पहचान दिलाई जा सके.
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