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भारत से घातक हथियार के लिए आर्मीनिया ने की बड़ी डील, पाकिस्तान-तुर्की के दोस्त अजरबैजान की बढ़ेगी मुश्किल
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आर्मेनिया और अजरबैजान में चल रहे विवाद के बीच भारत ने आर्मेनिया के साथ हथियारों की बड़ी डील की है. दोनों देशों की इस डील में मिसाइल, रॉकेट लॉन्चर शामिल हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो यह सौदा करीब दो हजार करोड़ रुपये में हुआ है, जो भारत के आधुनिक शस्त्र उद्योग को बढ़ावा देगा.
आर्मीनिया और अजरबैजान की सेनाओं के बीच बढ़ रहे विवाद के बीच भारत ने आर्मीनिया के साथ हथियारों की एक बड़ी डील की है, जिसमें मिसाइल, रॉकेट और गोला-बारूद भी शामिल है. भारत के साथ इस डील से आर्मीनिया को सुरक्षा और मजबूती मिलेगी. दूसरी ओर, भारत में भी हथियारों के उद्योग को बढ़ावा मिलेगा.
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भारत और आर्मीनिया के बीच यह डील करीब दो हजार करोड़ रुपयों में तय हुई है. सबसे खास बात है कि इस डील के तहत आर्मीनिया भारतीय पिनाका रॉकेट सिस्टम पाने वाला पहला विदेशी ग्राहक होगा.
आर्मीनिया को सबसे पहले भारत स्वदेशी पिनाका मल्टी बैरेल रॉकेट लॉन्चरों की सप्लाई करेगा. पिनाका को भारतीय डिफेंस रिसर्च एंड डेवलेपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने डेवलेप किया है, जिन्हें अलग-अलग स्वदेशी प्राइवेट कंपनियों में बनाया गया है. पिनाका रॉकेट सिस्टम के अलावा आर्मीनिया को एंटी टैंक रॉकेट और गोला-बारूद भी सप्लाई किया जाएगा.
आर्मीनिया और अजरबैजान में चल रहा विवाद आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच जंग जैसे हालात बने हुए हैं. सितंबर महीने के दूसरे सप्ताह की शुरुआत में दोनों देशों की सेनाओं के बीच बॉर्डर झड़प भी हुई, जिसमें काफी संख्या में लोग भी मारे गए. दोनों देशों के बीच पहाड़ी क्षेत्र पर विवाद को लेकर अभी शांति होने के आसार नहीं नजर आ रहे हैं.
भारत के भरोसेमंद आर्मीनिया को इस डिफेंस डील से मजबूती मिलेगी, इसमें कोई शंका का सवाल नहीं है. भारत से बड़ी तादाद में हथियारों को खरीदने से न सिर्फ आर्मेनिया के सुरक्षा उपकरण अपडेट होंगे, बल्कि अजरबैजान पर भी इसका काफी असर पड़ेगा.
पाकिस्तान है अजरबैजान का खास दोस्त, तुर्की से भी यारी भारत के जिन हथियारों के बल पर आर्मीनिया अपने दुश्मन अजरबैजान पर धाक जमाएगा, वह अजरबैजान पाकिस्तान का काफी करीबी है. सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं बल्कि तुर्की से भी अजरबैजान के अच्छे रिश्ते हैं. तीनों देशों ने साल 2020 में 44 दिनों का संयुक्त सैन्य अभ्यास भी किया था. इस अभ्यास को 'थ्री ब्रदर्स' का नाम दिया गया था.
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