
भारत में गरीब और अमीर के लिए दो समानांतर कानूनी प्रणालियां नहीं हो सकतीं: सुप्रीम कोर्ट
NDTV India
सुप्राम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत में अमीर, संसाधनों से युक्त और राजनीतिक रूप से ताकतवर लोगों और न्याय तक पहुंच एवं संसाधनों से वंचित‘‘छोटे लोगों’’ के लिए दो समानांतर कानूनी प्रणालियां नहीं हो सकती. न्यायालय ने यह भी कहा कि ‘‘जिला न्यायापालिका से औपनिवेशिक सोच’’ के साथ किए जा रहे व्यवहार को नागरिकों के विश्वास को बचाए रखने के लिए बदलना होगा और जब न्यायाधीश ‘‘सही के लिए खड़े होते हैं, तो उन्हें निशाना बनाया जाता है’’.न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने ने कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया की हत्या के मामले में मध्य प्रदेश की बसपा (बहुजन समाज पार्टी) विधायक के पति को दी गई जमानत बृहस्पतिवार को खारिज करते हुए ये अहम टिप्पणियां कीं.
सुप्राम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत में अमीर, संसाधनों से युक्त और राजनीतिक रूप से ताकतवर लोगों और न्याय तक पहुंच एवं संसाधनों से वंचित‘‘छोटे लोगों'' के लिए दो समानांतर कानूनी प्रणालियां नहीं हो सकती. न्यायालय ने यह भी कहा कि ‘‘जिला न्यायापालिका से औपनिवेशिक सोच'' के साथ किए जा रहे व्यवहार को नागरिकों के विश्वास को बचाए रखने के लिए बदलना होगा और जब न्यायाधीश ‘‘सही के लिए खड़े होते हैं, तो उन्हें निशाना बनाया जाता है''.More Related News