
भारत में कोविड वैक्सीन के लिए बेसब्री और लंबा इंतज़ार
BBC
विशेषज्ञों को आशंका है कि भारत अब ऐसा बाज़ार बन गया गया है, जहाँ ग़रीब भारतीय कतार में सबसे आख़िर में खड़े हैं.
भारत ने जनवरी में अपने यहाँ कोविड वैक्सीनेशन प्रोग्राम शुरू किया. तब संक्रमण के मामले कम होने शुरू हो गए थे और उम्मीद का एक माहौल बनता हुआ दिख रहा था. माना जा रहा था कि वैक्सीन बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया भारत की ज़रूरत के अधिकांश हिस्से की आपूर्ति करेगी, क्योंकि सरकार के महत्वाकांक्षी टीकाकरण कार्यक्रम के तहत जुलाई तक 25 करोड़ भारतीयों को इसकी खुराक दी जानी थी. यहाँ तक कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के नेतृत्व वाली योजना के भागीदार के रूप में भारत ने ज़रूरतमंद देशों को वैक्सीन का निर्यात भी किया. लेकिन तीन महीने बीत गए हैं. कोरोना संक्रमण और मरने वालों की संख्या के आँकड़े सूनामी की तरह बढ़ते ही जा रहे हैं. 1.4 अरब की आबादी वाले देश में अभी तक तकरीबन दो करोड़ 60 लाख लोगों को पूरी तरह से कोरना का टीका दिया जा सका है. 12 करोड़ 40 लाख लोगों को कोविड वैक्सीन की पहली ही खुराक मिली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्यात रोक दिया है. अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने से इनकार कर दिया है. और इससे भी बुरी बात ये हुई है देश में वैक्सीन का स्टॉक लगभग ख़त्म होने के कगार पर पहुँच गया है. किसी को ये पक्के तौर पर नहीं मालूम कि नया स्टॉक कब आएगा.More Related News