भारत में ई-कॉमर्स को लेकर नए क़ानून की तैयारी, बड़ी कंपनियों की क्या है मुश्किलें
BBC
21 जून को नियमों में सख़्ती लाते हुए उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने ई कॉमर्स को लेकर मौजूदा नीतियों में बदलाव का प्रस्ताव रखा है.
ऑनलाइन कारोबार यानी ई-कॉमर्स सुविधाजनक और सस्ता है, साथ ही कोरोना महामारी के दौर में इसके चलते लाखों लोगों को ज़रूरी सामान ख़रीदने के लिए बाहर निकलने से बचाया भी. इन सबके बाद भी ई-कॉमर्स को अपने सबसे तेज़ी से बढ़ रहे बाज़ार यानी भारत में विवादों का सामना करना पड़ रह है. इस पर बात करने से पहले ध्यान देना होगा कि ई-कॉमर्स ने भारत में ख़रीदारी के मायने बदल दिए हैं, अगले तीन साल के दौरान इसका भारतीय बाज़ार 99 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. कोविड महामारी के संकट के दौर में जब सब कुछ ठहर गया, तब ई-कॉमर्स तेज़ी से बढ़ा है. इस कामयाबी के बाद भी भारत में ई-कॉमर्स के बड़े प्लेयर अमेज़ॉन और वॉलमार्ट के स्वामित्व वाले फ़्लिपकार्ट के बीच विवाद देखने को मिले हैं.More Related News