
भारत में इसराइल का समर्थन क्या मुसलमानों से टकराव के कारण है?
BBC
इसराइल और फ़लस्तीनियों में पिछले 11 दिनों तक चले हिंसक संघर्ष को लेकर भारतीयों की राय बँटी दिखी. किसी अंतरराष्ट्रीय मुद्दे पर भी भारत के लोग सांप्रदायिक क्यों हो जाते हैं?
इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू 2018 के अपने भारत दौरे में 17 फ़रवरी को अहमदाबाद में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. संबोधन का समापन उन्होंने 'जय हिंद, जय भारत और जय इसराइल' से किया. हॉल तालियों से गूंज गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ख़ुश होकर ताली बजाते रहे. बीजेपी ने इसका वीडियो क्लिप अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किया और लिखा कि पीएम नेतन्याहू ने जय हिंद, जय भारत और जय इसराइल का नारा लगाया. इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू की लिकुड पार्टी 1973 में बनी और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी 1980 में. दोनों दक्षिणपंथी पार्टी हैं. दोनों ख़ुद को राष्ट्रवादी पार्टी कहती हैं. लिकुड पार्टी ग्रेटर इसराइल की बात करती है और भारतीय जनता पार्टी के मातृ संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के भीतर से भी अखंड भारत की आवाज़ उठती रहती है. लेकिन क्या इस आधार पर भारत और इसराइल में वैचारिक समानता खोजना ठीक है?More Related News