
भारत में अरबों डॉलर के निवेश का विज्ञापन, दफ़्तर का पता नहीं - फ़ैक्ट चेक
BBC
बीबीसी की अपनी पड़ताल में पाया गया कि पीएम मोदी को संबोधित करके विज्ञापन देने वाली कंपनी का दफ़्तर ना तो अमेरिका में है, ना ही भारत में.
आर्थिक मामलों पर जानकारी देने वाले भारत के सबसे बड़े अख़बार 'द इकोनॉमिक टाइम्स' और जानेमाने अख़बार 'टाइम्स ऑफ़ इंडिया' में पिछले सोमवार को पहले पन्ने पर छपा एक ग़ैर-मामूली इश्तेहार कई तरह से सनसनीखेज़ और चौंकाने वाला था. विज्ञापन सीधे देश के प्रधानमंत्री को संबोधित था जिसमें विज्ञापन देने वाली कंपनी ने कहा कि वह भारत में 500 अरब डॉलर का निवेश करना चाहती है. 500 अरब डॉलर यानी तक़रीबन 36 लाख करोड़ रुपए. यह रकम कितनी बड़ी है इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि भारत में पिछले साल अमेरिका से कुल पूंजी निवेश सात अरब डॉलर था, यानी अकेली कंपनी जिसका नाम पहले कभी नहीं सुना गया वह भारत में कुल अमेरिकी निवेश से 71 गुना अधिक इनवेस्टमेंट अकेले करने की बात कर रही थी. पहले पन्ने पर लाखों रुपए ख़र्च करके विज्ञापन देने वाली कंपनी का नाम था--लैंडमस रिएलिटी वेंचर इंक. इस विज्ञापन के साथ लैंडमस ग्रुप के चेयरमैन प्रदीप कुमार एस का नाम दिया गया था. बहुत ही बड़ी रकम, सीधे प्रधानमंत्री को संबोधन और इश्तेहार के ज़रिए निवेश का प्रस्ताव, सब कुछ असामान्य था इसलिए बीबीसी ने इस विज्ञापन को जारी करने वाली कंपनी के बारे में पड़ताल की.More Related News