
भारत फिर हथियारों का सबसे बड़ा आयातक बना, रूस से सबसे अधिक हथियार आयात किए: रिपोर्ट
The Wire
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट (सिपरी) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि हथियारों के आयात में भारत की हिस्सेदारी पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक 11 प्रतिशत थी. भारत हथियारों की ख़रीद के मामले में 2013 से 2017 के बीच भी सबसे बड़ा आयातक था, जो कि पूरे विश्व में कुल हथियार आयात का 12 प्रतिशत है.
हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, नवीनतम रिपोर्ट पिछले साल की सिपरी रिपोर्ट के अनुरूप है. 2022 में इसने कहा था कि 2012-16 और 2017-21 के बीच भारत का आयात 21 प्रतिशत गिर गया था, लेकिन देश अभी भी दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक था.
नई रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के आयात में गिरावट के कारणों में स्थानीय निर्माण के साथ आयात को बदलने के प्रयास और एक जटिल खरीद प्रक्रिया शामिल है.
भारत ने रक्षा में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए पिछले चार से पांच वर्षों में कई उपाय किए हैं. इनमें देश निर्मित सैन्य साजोसामान खरीदने के लिए एक अलग बजट बनाना, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करना और सैकड़ों हथियारों और प्रणालियों को अधिसूचित करना शामिल है, जिन्हें आयात नहीं किया जा सकता है. इसके अलावा भारत की अगले पांच से छह वर्षों में इस मामले में स्वदेशी बनने की भी योजना है.
पिछले तीन वर्षों में 84,598 करोड़ रुपये, 70,221 करोड़ रुपये और 51,000 करोड़ रुपये की तुलना में इस वर्ष के रक्षा बजट में घरेलू खरीद के लिए लगभग 1 लाख करोड़ रुपये का बजट रखा गया है.