भारत ने म्यांमार में लोकतंत्र समर्थक चार कार्यकर्ताओं को मौत की सज़ा पर गहरी चिंता जताई
The Wire
बीते 25 जुलाई को म्यांमार के सैन्य शासन ने घोषणा की थी कि उसने आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने में मदद करने के आरोप में चार लोकतंत्र कार्यकर्ताओं को फांसी दे दी गई है. उन पर सेना से लड़ने वाले विद्रोहियों की सहायता करने का आरोप लगाया गया था. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि म्यांमार के लोगों के मित्र के रूप में हम म्यांमार की लोकतंत्र और स्थिरता की वापसी का समर्थन करना जारी रखेंगे.
नई दिल्ली/संयुक्त राष्ट्र: भारत ने म्यांमार की सैन्य सरकार द्वारा लोकतंत्र समर्थक चार कार्यकर्ताओं को फांसी दिए जाने पर बृहस्पतिवार को गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि देश (म्यांमार) में कानून के शासन और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कायम रखा जाना चाहिए. #ASEAN Chairman's Statement on the Execution of Four Opposition Activists in Myanmar pic.twitter.com/Ki6ZIMqQ54
बीते 25 जुलाई को म्यांमार के सैन्य शासन जुंटा ने घोषणा की थी कि उसने आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने में मदद करने के आरोप में चार लोकतंत्र कार्यकर्ताओं को फांसी दे दी गई है. उन पर सेना से लड़ने वाले विद्रोहियों की सहायता करने का आरोप लगाया गया था. मुकदमे के दौरान इन चारों को मौत की सजा सुनाई गई थी. सेना ने पिछले साल तख्तापलट कर म्यांमार की सत्ता पर कब्जा कर लिया था. — Office of Cambodian PM 🇰🇭 (@PeacePalaceKH) July 26, 2022
जिन चार कार्यकर्ताओं को फांसी दी गई है, उनकी पहचान लोकतंत्र प्रचारक क्याव मिन यू, पूर्व सांसद और हिपहॉप कलाकार फ्यो ज़ेया थाव, हला मायो आंग और आंग थुरा जॉ के रूप में की गई. मिन यू और ज़ेया थाव दोनों ही पूर्व राज्य सलाहकार और नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सू की के राजनीतिक सहयोगी थे.
म्यांमार में कार्यकर्ताओं को फांसी दिए जाने पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़ी निंदा की गई है.