
भारत ने ऐन मौक़े पर श्रीलंका को बचाया, श्रीलंकाई अख़बारों में क्या छपा है?
BBC
श्रीलंकाई अख़बारों में रिपोर्ट छपी है कि जिस तरह से भारत 1991में डिफ़ॉल्टर होने से बचने के लिए सोना गिरवी रख रहा था, कुछ उसी तरह से अब श्रीलंका अपना सोना बेच रहा है.
श्रीलंका इन दिनों उस परिवार के अभिभावक की तरह हो गया है जिसके ऊपर क़र्ज़ ढेर सारा है लेकिन चुकाने के लिए पैसे नहीं हैं. यहाँ तक कि उस परिवार की दैनिक ज़रूरतों के लिए भी पड़ोसियों का मुँह देखना पड़ रहा है.
श्रीलंका के इस मुश्किल वक्त में भारत कई स्तरों पर मदद कर रहा है. पिछले हफ़्ते 13 जनवरी को श्रीलंका स्थित भारतीय उच्चायोग ने श्रीलंका को 90 करोड़ डॉलर की मदद की घोषणा की थी. लेकिन इतने से काम नहीं चला. ऐसे में भारत ने इस हफ़्ते मंगलवार को 50 करोड़ डॉलर की एक और मदद दी जिससे श्रीलंका पेट्रोलियम उत्पाद ख़रीद सके. भारत की इस मदद की रिपोर्ट श्रीलंका के अख़बारों में प्रमुखता से छपी है.
श्रीलंका के प्रमुख अख़बार डेली मिरर के पहले पन्ने पर ख़बर छपी है- तेल के प्यासे श्रीलंका को भारत ने दी लाइफ़लाइन. श्रीलंका के प्रमुख आर्थिक अख़बार डेली फ़ाइनैंशियल टाइम्स ने भी पहले पन्ने पर ख़बर प्रकाशित की है और लिखा है कि श्रीलंका जब ईंधन और ऊर्जा के संकट में समाता दिख रहा है, तब भारत ने मदद की है.
डेली मिरर ने श्रीलंका के आर्थिक संकट पर अपनी एक और रिपोर्ट में लिखा है, ''श्रीलंका अपने सहयोगियों का क़र्ज़दार है. श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार ख़ाली हो चुका है और अब अपना सोना बेचना शुरू कर चुका है. इन सबके बीच अमेरिका की रेटिंग एजेंसी फिच ने श्रीलंका की क्रेडिट रेटिंग घटाकर 'सीसी' कर दी है. यह रेटिंग डिफ़ॉल्ट होने से ठीक पहले की है.''