
भारत-नेपाल के बीच वो सीमा विवाद जिसे एक नदी के बदलते हुए रास्ते ने जन्म दिया
BBC
क़रीब 200 साल पहले एक नदी को दो देशों के बीच की सीमा के तौर पर निर्धारित कर दिया गया था. उस वक्त सुस्ता का इलाक़ा नदी के पश्चिम में था. लेकिन जैसे-जैसे नदी ने अपना मार्ग बदला, सुस्ता नदी के पूर्व की ओर चला गया.
क़रीब 200 साल पहले एक नदी को दो देशों के बीच की सीमा के तौर पर निर्धारित कर दिया गया था. नदी के पूर्वी भाग को एक देश का अधिकार क्षेत्र मान लिया गया और पश्चिमी भाग को दूसरे देश का.
जैसे-जैसे समय गुज़रता गया, नदी ने अपना रास्ता बदलना शुरू किया और कुछ सालों में वो पूर्वी इलाक़े के और अंदर की तरफ बहने लगी.
नतीजा ये हुआ कि नदी के पूर्वी छोर का एक इलाक़ा धीरे-धीरे नदी के पश्चिमी छोर पर आ गया और दोनों देशों के बीच एक ऐसा सीमा विवाद पैदा हो गया जो आज तक नहीं सुलझ पाया है.
ये दो देश हैं नेपाल और भारत. जिस नदी की हम बात कर रहे हैं उसे नेपाल में नारायणी और भारत में गंडक के नाम से जाना जाता है. और दोनों देशों के बीच सीमा विवाद में फंसा हुआ इलाक़ा है सुस्ता, जिस पर नेपाल और भारत दोनों ही दावा करते हैं.
बीबीसी की टीम नेपाल के नवलपरासी ज़िले में नारायणी नदी के किनारे पहुंची. और फिर एक नाव के ज़रिये हमने नदी पार की और हम सुस्ता पहुंचे.