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भारत-चीन सीमा गतिरोध पर अमेरिकी रक्षा मंत्री से पूछा गया सवाल, कहा - ऐसा कभी नहीं सोचा था कि...
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पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा गतिरोध पर एक सवाल के जवाब में ऑस्टिन ने पत्रकार सम्मेलन में कहा कि अमेरिका ने ऐसा कभी नहीं सोचा था कि भारत और चीन एक युद्ध की दहलीज पर थे.
अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन (US Defence Secretary Lloyd Austin) ने शनिवार को कहा कि उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों के साथ भारत में अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों के मुद्दे पर चर्चा की. पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा गतिरोध पर एक सवाल के जवाब में ऑस्टिन ने पत्रकार सम्मेलन में कहा कि अमेरिका ने ऐसा कभी नहीं सोचा था कि भारत और चीन एक युद्ध की दहलीज पर थे. यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के साथ विशेष रूप से भारत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन पर चर्चा की तो ऑस्टिन ने कहा कि उन्हें इस बारे में उनसे बात करने का मौका नहीं मिला. उन्होंने कहा, ‘मुझे उस बारे में उनके साथ बात करने का अवसर नहीं मिला. उन्होंने कहा कि मैंने इस मुद्दे पर कैबिनेट के अन्य सदस्यों के साथ बातचीत की है.’ अमेरिकी रक्षा मंत्री ने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमें यह याद रखना होगा कि भारत हमारा साझेदार है, जिसकी साझेदारी हमारे लिए मायने रखती हैं और मुझे लगता है कि साझेदारों को सार्थक चर्चाएं किये जाने की जरूरत है.’ इससे पूर्व दिन में ऑस्टिन ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ कई मुद्दों पर विस्तृत वार्ता करने के बाद कहा कि भारत तेजी से बदल रहे अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में एक बहुत महत्वपूर्ण साझेदार बनता जा रहा है और अमेरिका क्षेत्र के प्रति अपने रुख के आधार स्तम्भ के तौर पर भारत के साथ एक अग्रगामी रक्षा साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध है.
जासूसी की दुनिया में डबल एजेंट वो स्पाई होता है, जो एक देश या संगठन के लिए काम करते हुए गुप्त रूप से उसके दुश्मन या प्रतिद्वंद्वी के लिए भी जासूसी करता है. डबल एजेंट एक पक्ष को भरोसा दिलाते हैं कि वह उनके लिए काम कर रहे हैं, लेकिन असल में वह दूसरे पक्ष को उनकी जानकारी और रणनीतियां पहुंचाते हैं. ऐसा ही एक डबल एजेंट भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ में भी था.
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भारत और अमेरिका ने समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के लिए मिलकर आधुनिक समुद्री ड्रोन, ग्लाइडर और निगरानी सिस्टम बनाने का निर्णय लिया है. इस पहल के तहत ऐसे स्वायत्त हथियार बनाए जाएंगे, जो समुद्र में लंबे समय तक काम कर सकें और जहाजों की गतिविधियों पर नजर रख सकें. इस समझौते की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी नेतृत्व के बीच बैठक के दौरान की गई थी.
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भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने उम्मीद जताई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान हुए रक्षा समझौते से भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता को बढ़ावा मिलेगा और आत्मनिर्भरता को मजबूती मिलेगी. उन्होंने कहा कि अगले 10 वर्षों के लिए एक व्यापक योजना तैयार की जा रही है, जिससे संयुक्त उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और भारतीय रक्षा उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जाएगा.
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विश्व परिक्रमा पर निकली भारतीय नौसेना की दो महिला अधिकारियों का सामना समुद्र में लगातार बारिश, 75 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चल रही तेज हवाओं और 5 मीटर से अधिक ऊंची समुद्री लहरों से हुआ. इन सभी बाधाओं को पार करते हुए भारतीय नौसेना की लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के. और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए. ने दक्षिण अमेरिका के दक्षिणी सिरे पर स्थित केप हॉर्न को सफलतापूर्वक पार कर लिया है.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के बाद ऐलान किया कि भारत व्यापार घाटे को कम करने के लिए एफ-35 फाइटर जेट समेत अन्य सैन्य हार्डवेयर खरीदेगा. हालांकि भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने साफ किया कि अभी एफ-35 खरीदने का प्रस्ताव मिला है. इस पर औपचारिक तरीके से प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है.