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भारत क्या अफ़ग़ानिस्तान में अपना दूतावास खोलने जा रहा है? - प्रेस रिव्यू
BBC
काबुल में अपना दूतावास ख़ाली करने के बाद अफ़ग़ानिस्तान में भारत की कोई मौजूदगी नहीं है जिसको लेकर विदेश मंत्रालय में चर्चा शुरू हो चुकी है. पढ़ें आज के अख़बारों की प्रमुख सुर्ख़ियां.
इस साल अगस्त में तालिबान के अफ़ग़ानिस्तान में क़ब्ज़े के बाद अपने दूतावासों को ख़ाली कर चुके अधिकतर देश वापस अपनी मौजूदगी इस देश में दिखाना चाहते हैं जिनमें भारत भी शामिल है.
अंग्रेज़ी अख़बार 'द हिंदू' लिखता है कि संयुक्त अरब अमीरात, जर्मनी, जापान और यूरोपीय संघ समेत कई देश काबुल में वापस अपने दूतावासों में स्टाफ़ रखने की संभावनाओं को देख रहे हैं वहीं नई दिल्ली भी अफ़ग़ानिस्तान में अपने मौजूदा विकल्पों पर ग़ौर कर रहा है.
नवंबर में यूएई ने काबुल में दोबारा अपना काम शुरू किया था जबकि रूस, चीन, ईरान, पाकिस्तान, क़तर, तुर्की, तुर्कमेनिस्तान और उज़्बेकिस्तान जैसे देशों के दूतावास खुले हुए हैं.
पिछले महीने अमेरिका और क़तर ने एक समझौता किया था जिसके तहत काबुल में क़तर का दूतावास अमेरिका के 'राजनयिक हितों' का नेतृत्व करेगा.
एक अधिकारी ने अख़बार से कहा कि तालिबान को मान्यता देना अभी 'दूर की बात' है और इस पर कोई चर्चा तक नहीं हुई है हालांकि हर मुल्क अफ़ग़ानिस्तान के साथ संपर्क में है ताकि अफ़ग़ान जनता के साथ उनकी ज़रूरतों को लेकर फ़ैसला लिया जा सके.