भारत को सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता मिलना क्या पाकिस्तान के लिए टेंशन है?
BBC
भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता तब मिली है, जब अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी हो रही है और तालिबान मज़बूत होता जा रहा है. इसके साथ ही पाँच अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म किए दो साल पूरा होने जा रहा है.
भारत ने रविवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता संभाल ली. भारत को यह ज़िम्मेदारी अगस्त महीने के लिए मिली है. भारत ने कहा है कि वो इस भूमिका में तीन क्षेत्रों को प्रमुखता से देखेगा- समुद्री सुरक्षा, शांति प्रक्रिया और आतंकावाद के ख़िलाफ़ लड़ाई. भारत अभी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का दो साल के लिए अस्थायी सदस्य है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाँच स्थायी सदस्य हैं- अमेरिका, चीन, ब्रिटेन, रूस और फ़्रांस. स्थायी सदस्यों को वीटो पावर मिला हुआ है. मतलब पाँच अस्थायी सदस्यों में से चार सदस्य कोई प्रस्ताव पास कराना चाहते हैं लेकिन कोई एक सदस्य नहीं चाहता है तो वीटो कर सकता है और वो प्रस्ताव पास नहीं होगा. 10 अस्थायी सदस्यों के पास ये ताक़त नहीं है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता हर महीने बदलती है और यह अंग्रेज़ी के अल्फ़ाबेटिकल ऑर्डर में होता है. इसी के तहत फ़्रांस के बाद भारत की बारी आई है.More Related News