
भारत की 99 प्रतिशत आबादी डब्ल्यूएचओ के मानक से पांच गुना ख़राब हवा में सांस ले रही है: रिपोर्ट
The Wire
ग्रीनपीस इंडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में प्रदूषण के सबसे अधिक जोख़िम वाला क्षेत्र दिल्ली-एनसीआर है. आगे कहा गया है कि देश में 62 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं सबसे प्रदूषित क्षेत्रों में रहती हैं, जबकि पूरी आबादी के लिहाज़ से यह आंकड़ा 56 प्रतिशत का है. सरकार को देश भर में एक मज़बूत वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली पेश करनी चाहिए.
नई दिल्ली: पर्यावरण के लिए काम करने वाली संस्था ग्रीनपीस इंडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की 99 प्रतिशत से अधिक आबादी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के स्वास्थ्य-आधारित दिशानिर्देशों में मानक 2.5 से पांच गुना अधिक खराब हवा में सांस ले रही है.
‘डिफरेंट एयर अंडर वन स्काई’ शीर्षक वाली रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में रहने वाले लोगों का सबसे बड़ा अनुपात डब्ल्यूएचओ के वार्षिक औसत दिशानिर्देश के पांच गुना से अधिक पीएम (पार्टिकुलेट मैटर – हवा में प्रदूषणकारी सूक्ष्म कण) 2.5 सांद्रता के संपर्क में है.
इसने आगे कहा कि देश में 62 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं सबसे प्रदूषित क्षेत्रों में रहती हैं, जबकि पूरी आबादी के लिहाज से यह आंकड़ा 56 प्रतिशत का है.
रिपोर्ट के वार्षिक औसत पीएम 2.5 जोखिम विश्लेषण के अनुसार, देश में प्रदूषण के सबसे अधिक जोखिम वाला क्षेत्र दिल्ली-एनसीआर है.