
'भारत की कोशिश काबिल-ए-तारीफ...', तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर इजरायल ने जताई खुशी
AajTak
तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण न केवल एक कानूनी मसला है, बल्कि भारत-अमेरिका संबंधों की मजबूती का भी प्रमाण है. लेकिन इसके साथ ही यह भारत के लिए एक चुनौती भी है. चुनौती इसलिए, क्योंकि कानूनी दायित्वों का पालन करते हुए भारत को अपनी न्यायिक प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष रखना होगा.
इजरायल ने पाकिस्तानी-कनाडाई आतंकवादी और 26/11 मुंबई हमलों के षड्यंत्रकारी तहव्वुर राणा के अमेरिका से भारत प्रत्यर्पण का स्वागत किया है. इजरायल के भारत में राजदूत र्यूवेन अजार ने इस घटनाक्रम पर एक आधिकारिक बयान जारी कर भारत सरकार के प्रयासों की प्रशंसा की है. अपने बयान में उन्होंने कहा, "मैं भारत सरकार को आतंकवादियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए उनकी दृढ़ता और लगन के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं."
इजरायल ने किया स्वागत बता दें कि तहव्वुर राणा उन लोगों में से एक है, जो मुंबई हमलों की साजिश में शामिल रहा है. उसे अमेरिकी अदालत के फैसले के बाद भारत लाया जा रहा है. यह कदम आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में एक बड़ी सफलता माना जा रहा है. इजरायल, जो खुद-ब-खुद आतंकवाद का शिकार रहा है, उसने इस प्रत्यर्पण को अंतरराष्ट्रीय सहयोग और आतंकवाद के खिलाफ साझा प्रतिबद्धता के रूप में देखा है.
भारत और इजरायल के बीच आतंकवाद के खिलाफ सहयोग लंबे समय से चला आ रहा है. राणा के भारत पहुंचने के बाद उस पर मुंबई हमलों से जुड़े आरोपों में मुकदमा चलेगा, जिसके लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने तैयारियां कर रखी हैं.राणा के मामले में क्या-क्या उठाए जा सकते हैं कदम तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण न केवल एक कानूनी मसला है, बल्कि भारत-अमेरिका संबंधों की मजबूती का भी प्रमाण है. लेकिन इसके साथ ही यह भारत के लिए एक चुनौती भी है. चुनौती इसलिए, क्योंकि कानूनी दायित्वों का पालन करते हुए भारत को अपनी न्यायिक प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष रखना होगा. यह देखना बाकी है कि भारत प्रत्यर्पण की शर्तों को कैसे लागू करता है और राणा के मामले में आगे क्या कदम उठाए जाते हैं. यह मामला न सिर्फ कानून के जानकारों के लिए, बल्कि आम जनता के लिए भी उत्सुकता का विषय बना हुआ है.
टाइम लाइन 26/11 मुंबई हमलों से जुड़े तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण का मामला लंबी कानूनी जंग के बाद आखिरकार भारत के पक्ष में हुआ है. अमेरिकी अदालतों में एक के बाद एक याचिकाओं के खारिज होने के साथ ही भारत को राणा को प्रत्यर्पित करने का रास्ता साफ हो गया है और आज गुरुवार को तहव्वुर राणा को लेकर आ रहा प्लेन दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड हो गया है. इस प्रक्रिया में कई मुख्य पड़ाव आए, जानते हैं पूरा घटनाक्रम
प्रमुख घटनाक्रम: अगस्त 2024: अमेरिका की नौवीं सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स ने तहव्वुर राणा के भारत को प्रत्यर्पण के आदेश को बरकरार रखा. इस फैसले ने राणा के खिलाफ भारत के दावे को मजबूती दी.
नवंबर 2024: राणा ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में रेट ऑफ सर्टिओरारी (समीक्षा याचिका) दायर की, जिसमें अपीलीय अदालत के फैसले की समीक्षा की मांग की गई. यह उनकी ओर से एक बड़ा कानूनी कदम था.

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक जिला लेखा अधिकारी समेत तीन सरकारी कर्मचारियों के अपहरण की घटना से आसपास के इलाके में हड़कंप मच गया. पुलिस ने बताया कि अपहरण की घटना के दौरान एक अधिकारी नवीद जाफर की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई, जबकि अन्य अधिकारियों को सुरक्षा बलों ने रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत सुरक्षित बचा लिया है.

अमेरिका ने ईरान पर हमला किया और फिर सीज़फायर का ऐलान किया, लेकिन अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ईरान का परमाणु कार्यक्रम कुछ ही महीनों में फिर से हथियार बना सकता है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने ईरान के परमाणु ठिकानों के 'पूरी तरह से जो नुक्लेअर परमाणु वहाँ पर फसिलटीज़ है ईरान की पूरी तरह से तबाह नष्ट हो जाना खत्म हो जाना मिटा देना' का दावा किया था, जो उनकी ही सरकार की गुप्त रिपोर्ट में गलत साबित हुआ.

अमेरिकी राष्ट्रपति ने ईरान के परमाणु ठिकानों को 'ओबलिटेरटेड' यानी पूरी तरह तबाह करने का दावा किया था। हालांकि, न्यूयॉर्क टाइम्स और सीएनएन जैसे प्रतिष्ठित अमेरिकी मीडिया संस्थानों ने पेंटागन की एक गुप्त रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बहुत कम नुकसान हुआ है और यह सिर्फ कुछ महीने पीछे हुआ है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया है कि उनके हस्तक्षेप से भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध टला. हेग में नाटो समिट के दौरान उन्होंने कहा कि मोदी को व्यापार और युद्ध के बीच विकल्प दिए थे, जिसके बाद तनाव खत्म हुआ. कांग्रेस नेताओं ने ट्रंप के इस बयान पर प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना की है.

ब्रिटेन की ओर से यूक्रेन को दिए जा रहे ये ASRAAM मिसाइल हैं, जो पहले लड़ाकू विमानों से हवा में मार करने के लिए इस्तेमाल होती थीं. अब ब्रिटिश इंजीनियरों ने इन्हें जमीन से लॉन्च करने लायक बना दिया है. इन्हें RAVEN ग्राउंड बेस्ड एयर डिफेंस सिस्टम के जरिए चलाया जाएगा, जिसे यूक्रेन को पहले ही दिया जा चुका है. जल्द ही ऐसे पांच और RAVEN सिस्टम यूक्रेन पहुंचाए जाएंगे, जिससे कुल संख्या 13 हो जाएगी.

पहले से ही कर्ज में डूबा पाकिस्तान फिर लेने जा रहा लोन, 350 मिलियन डॉलर के लिए ADB से किया एग्रीमेंट
9 जून को जारी आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में पाकिस्तान का कुल कर्ज बढ़कर 76,000 अरब पाकिस्तानी रुपये तक पहुंच गया है. ऐसे में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि चालू वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था केवल 2.7 प्रतिशत की दर से ही वृद्धि कर पाएगी.