भारत की कोशिशों को फिर कैरेबियाई कानूनों के गलियारे में उलझाने की फिराक में है मेहुल चोकसी
ABP News
पीएनबी घोटाला मामले में आरोपी मेहुल चोकसी 23 मई को रहस्यमय तरीके से एंटीगुआ से लापता हो गया था जहां वह नागरिक के रूप में 2018 से रह रहा था. चोकसी को बाद में डोमिनिका से गिरफ्तार किया गया था.
नई दिल्ली: हजारों करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी को डोमेनिका से जल्द हासिल करने की आस फिलहाल उलझती दिखाई दे रही है. साथ ही मामले के एक बार फिर कैरेबियाई कानूनों के गलियारों में भटकने का खतरा बढ़ रहा है. हाई कोर्ट के निर्देश पर मेहुल चोकसी की निचली अदालत में 2 जून को पेशी तो हुई, कोर्ट ने मेहुल की जमानत अर्जी भी खारिज कर दी. लेकिन इस मामले पर सुनवाई के लिए 14 जून की तारीख मुकर्रर की है. इस केस का ऊंट किस ओर करवट लेगा इसका काफी दारोमदार 3 जून को हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई पर होगा. जाहिर तौर पर मेहुल चोकसी की कोशिश कानूनी अपीलों के जरिए मामले को उलझाने और वक्त हासिल करने की है. वहीं पीएनबी घोटाले से जमा धन को अपने बचाव में खड़े वकीलों की फीस पर बहाने में न तो उसे कोई फर्क पड़ता है और न उसके भाई भाई चेतन चीनू भाई चोकसी को. लिहाजा वकीलों की फौज ब्रिटेन से लेकर डोमेनिका तक और एंटीगुआ से लेकर भारत तक मेहुल के बचाव के गलियारे तलाशने में जुटे है. जाहिर है इसी नीयत से ही मेहुल के वकीलों में अदालत का दरवाजा भी खटखटाया और इस बात की पूरी कोशिश में जुटे हैं कि डोमेनिका में मेहुल की मौजूदगी को अपहरण साबित किया जाए.More Related News