'भारत आम सहमति से चीन के साथ शांति चाहता है', असम में बोले राजनाथ सिंह
AajTak
रक्षामंत्री ने कहा कि हम आम सहमति से इस शांति प्रक्रिया को जारी रखना चाहते हैं. हमारे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि हम दोस्त बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं. हम अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहते हैं, यह भारत की स्पष्ट नीति है.
असम में केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के आदर्शों के अनुरूप आम सहमति से चीन के साथ शांति प्रक्रिया जारी रखना चाहता है. तेजपुर में गजराज कोर के मुख्यालय में भारतीय सेना के जवानों को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने शांति प्रक्रिया में सैनिकों के प्रयासों की सराहना की.
रक्षामंत्री ने कहा कि हम आम सहमति से इस शांति प्रक्रिया को जारी रखना चाहते हैं. हमारे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि हम दोस्त बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं. हम अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहते हैं, यह भारत की स्पष्ट नीति है. हालांकि, कभी-कभी ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न होती हैं कि देश की सीमाओं की रक्षा के लिए संघर्ष करना पड़ता है, जबकि सरकार शांति बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करती है.
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सेना के जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि यह कोई छोटी बात नहीं है, यह एक बड़ी बात है. हमने यह आपकी बदौलत हासिल किया है. यह आपसी संवाद इसलिए हुआ, क्योंकि हर कोई आपके साहस और पराक्रम से वाकिफ है.
राजनाथ सिंह ने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से पूर्वोत्तर बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि ये क्षेत्र प्राकृतिक दृष्टि से सुंदर है और भौगोलिक दृष्टि से भी उतना ही चुनौतीपूर्ण है. रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत और चीन मुद्दों को सुलझाने के लिए लंबे समय से बातचीत कर रहे हैं, उन्होंने कहा कि ये LAC पर सीमा से जुड़ा एक बड़ा घटनाक्रम है. हमारे प्रयासों के बाद हम एलएसी पर जमीनी स्थिति पर आम सहमति पर पहुंच गए हैं. सेना के सूत्रों ने बताया कि भारतीय और चीनी सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और देपसांग मैदानों में 2 पॉइंट पर डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया पूरी कर ली है. जल्द ही इन पॉइंट्स पर गश्त शुरू होने वाली है.
बता दें कि राजनाथ सिंह को दिन में तवांग का दौरा करना था, लेकिन खराब मौसम के कारण उन्हें अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ी. अब वह गुरुवार को तवांग जाएंगे. उन्होंने कहा कि मेरा 'बड़ा खाना' तवांग में तय था, लेकिन नियति ने तय किया कि मुझे तेजपुर के गजराज कोर में 'बड़ा खाना' खाना चाहिए. बता दें कि 'बड़ा खाना' एक ऐसा भोजन है जिसमें सभी रैंक एक साथ खाते हैं.
सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
देश का सबसे तेज न्यूज चैनल 'आजतक' राजधानी के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में तीन दिवसीय 'साहित्य आजतक' महोत्सव आयोजित कर रहा है. इसी कार्यक्रम में ये पुरस्कार दिए गए. समारोह में वरिष्ठ लेखकों और उदीयमान प्रतिभाओं को उनकी कृतियों पर अन्य 7 श्रेणियों में 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' से सम्मानित किया गया.
आज शाम की ताजा खबर (Aaj Ki Taza Khabar), 23 नवंबर 2024 की खबरें और समाचार: खबरों के लिहाज से शनिवार का दिन काफी अहम रहा है. महाराष्ट्र में नतीजे आने के बाद सूत्रों की मानें तो एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पर पर अपना दावा ठोका है. सीएम योगी ने यूपी उपचुनाव के नतीजों को पीएम मोदी के नेतृत्व की जीत बताया है.
हिंदी साहित्य के विमर्श के दौरान आने वाले संकट और चुनौतियों को समझने और जानने की कोशिश की जाती है. हिंदी साहित्य में बड़े मामले, संकट और चुनने वाली चुनौतियाँ इन विमर्शों में निकली हैं. महत्वपूर्ण विचारकों और बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं. हिंदी साहित्यकार चन्द्रकला त्रिपाठी ने कहा कि आज का विकास संवेदन की कमी से ज्यादा नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति प्रेम के लिए वस्तुओं की तरफ झूक रहा है, लेकिन व्यक्ति के प्रति संवेदना दिखाता कम है. त्रिपाठी ने साहित्यकारों के सामने मौजूद बड़े संकट की चर्चा की. ये सभी महत्वपूर्ण छोटी-बड़ी बातों का केंद्र बनती हैं जो हमें सोचने पर मजबूर करती हैं.