भारत अफ़ग़ानिस्तान में पाकिस्तान और तालिबान की जीत का सामना कैसे करे?- प्रेस रिव्यू
BBC
पाकिस्तान अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिकी समर्थन वाली सरकार को उखाड़ फेंकने और भारत को इस क्षेत्र से बाहर करने में अपनी जीत का जश्न मना रहा है. आज के अख़बारों की सुर्खियाँ.
अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल के हामिद करज़ई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पिछले कई दिनों से एक दुख़द अराजकता फैली हुई है. इसी बीच तभी काबुल में दो स्तरों पर राजनीतिक वार्ताओं का दौर जारी है. एक दूसरे से जुड़ी हुई ये वार्ताएं आने वाले दिनों में अफ़ग़ानिस्तान के तात्कालिक भविष्य का फैसला कर सकती है. इनमें से एक वार्ता अफ़ग़ानिस्तान में नयी राजनीतिक व्यवस्था खड़ी करने पर केंद्रित है. वहीं, दूसरी वार्ता तालिबानी नेतृत्व वाली सरकार को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने से जुड़ी हुई है. और इसी समय पाकिस्तान अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिकी समर्थन वाली सरकार को उखाड़ फेंकने और भारत को इस क्षेत्र से बाहर करने में अपनी जीत का जश्न मना रहा है. ऐसे में सवाल उठता है कि भारत इस मौके पर क्या कदम उठा सकता है. इंडियन एक्सप्रेस में छपे लेख में सी राजामोहन बताते हैं कि भारत सरकार इस समय एक कदम पीछे खींचकर ये संकेत दे सकती है कि वह इंतज़ार करने की स्थिति में है. राजामोहन लिखते हैं कि "इसकी एक वजह ये है कि पाकिस्तानी सेना इस समय अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के प्रभुत्व वाली नयी राजनीतिक व्यवस्था स्थापित करने से बस कुछ दूर है. इसके बाद पाकिस्तान समर्थित व्यवस्था के लिए अंतरराष्ट्रीय वैधता हासिल करना और उसके भविष्य सुरक्षित करना एक चुनौती है. इनमें से एक भी काम आसान नहीं है. इन मामलों में पाकिस्तान का अपना अनुभव भी नुकसान की ओर ही इशारा करता है."More Related News