
भविष्य की जंग में ड्रोन्स की भूमिका के लिए कितना तैयार है भारत?
BBC
बीते साल जब अज़रबैजान ने अर्मेनिया को युद्ध में हराया तो दुनियाभर के सैन्य विशेषज्ञों का ध्यान ड्रोन विमानों पर गया. भारत इस दिशा में क्या कर रहा है?
पड़ोसी चीन और पाकिस्तान के साथ जारी तनाव के बीच भारत घरेलू इनोवेशन और विदेशी खरीद के ज़रिए उन्नत ड्रोन तकनीक हासिल कर अपनी सैन्य क्षमता बढ़ाने की कोशिशें कर रहा है.
इस क्षेत्र में तकनीक के ताज़ा प्रदर्शन में भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान (डीआरडीओ) ने 17 नवंबर को 'ड्रोन स्वार्म' का प्रदर्शन किया. इस झुंड में 25 ड्रोन थे जो एक साथ उड़ रहे थे.
इस ड्रोन स्वार्म ने कई परिस्थितियों का प्रदर्शन किया. जैसे- किसी टार्गेट को घेरना, सुनियोजित हमला करना आदि.
हिंदुस्तान टाइम्स अख़बार के मुताबिक भारत में ड्रोन का ऐसा पहला प्रदर्शन इस साल जनवरी में भारतीय सेना ने किया था. तब 75 स्वदेशी ड्रोन को एक साथ उड़ाया गया था. इन ड्रोन ने भी कई तरह के मिशन का प्रदर्शन किया था जिनमें आक्रामक मिशन भी शामिल थे.
17 नवंबर के प्रदर्शन के बाद ट्विटर पर जारी एक बयान में डीआरडीओ ने कहा कि ''डीआरडीओ यंग साइंटिस्ट लैब फॉर असिमैट्रिक टेक्नोलॉजी (डीवाईएसएलसीटी) स्वार्म टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा है जिससे असिमैट्रिक युद्ध क्षमताओं को बढ़ाया जाएगा.'