
"बोलने की आजादी वहां भी नहीं", दो प्रसिद्ध लोगों के अशोका यूनिवर्सिटी छोड़ने पर बिफरे रघुराम राजन
NDTV India
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के लगातार आलोचक रहे और प्रखर वक्ता भानु प्रताप मेहता ने जुलाई 2019 में अशोक विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में पद छोड़ दिया था, लेकिन एक प्रोफेसर के रूप में उनकी सेवा जारी थी, जिसे उन्होंने मंगलवार को इस्तीफा देकर अचानक छोड़ दिया.
दो प्रसिद्ध बुद्धिजीवियों, प्रताप भानु मेहता और अरविंद सुब्रमण्यम द्वारा दिल्ली से सटे सोनीपत के अशोका यूनिवर्सिटी को छोड़ने पर पिछले कुछ दिनों में दुनिया भर के शिक्षाविदों ने निराशा जताई है और संस्थान में अभिव्यक्ति की आजादी के सिकुड़न पर सामूहिक रूप से चिंगारी उठी है. रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर और मशहूर अर्थशास्त्री रघुराम राजन से लेकर मिलन वैष्णव और मार्था सी नुसबूम तक ने इसे "अकादमिक स्वतंत्रता पर खतरनाक हमला" कहा है. RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा, '' अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता किसी भी महान विश्वविद्यालय की आत्मा है और अगर इस पर हमले होते हैं तो यह उसी आत्मा पर चोट पहुंचाना है."More Related News