बेटे ने मैरिज एनिवर्सरी पर ही मां-बाप को क्यों मारा... दंग कर देगी दिल्ली ट्रिपल मर्डर की वजह!
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दिल्ली के नेब सराय के देवली गांव में हुए ट्रिपल मर्डर केस में आरोपी की गिरफ्तारी हो चुकी है. आरोपी कोई और नहीं बल्कि परिवार का बेटा ही है, जिसने अपने मां-बाप और बहन को मौत के घाट उतार दिया. पुलिस को मर्डर का मोटिव भी पता चल चुका है. लेकिन एक सवाल अभी सबके जेहन में कौंध रहा है.
दिल्ली के नेब सराय के देवली गांव में हुए ट्रिपल मर्डर केस में आरोपी की गिरफ्तारी हो चुकी है. आरोपी कोई और नहीं बल्कि परिवार का बेटा ही है, जिसने अपने मां-बाप और बहन को मौत के घाट उतार दिया. पुलिस को मर्डर का मोटिव भी पता चल चुका है. लेकिन एक सवाल अभी सबके जेहन में कौंध रहा है. आरोपी ने मां-बाप को मारने के लिए उन्हीं की जिंदगी के सबसे अहम दिन यानी उनकी मैरिज एनिवर्सरी की तारीख क्यों चुनता है? ये सवाल लगातार दिल्ली पुलिस को कचोट रही थी.
ये सवाल जब पुलिस ने अर्जुन से पूछा, तो उसका जवाब सुन कर सन्न रह गई. उन्हें जरा भी अंदाज़ा नहीं था कि किसी बेटे को अपने मां-बाप से इतनी नफरत हो सकती है कि वो उनकी मौत के लिए खास उस दिन को चुने, जो उनकी जिंदगी की सबसे खूबसूरत और खुशियों भरा दिन हो. अर्जुन का जवाब सुन कर आप भी सन्न रह जाएंगे. जी हां, जानते हैं मैरिज एनिवर्सरी के दिन ही अर्जुन ने अपने मां-बाप के कत्ल का फैसला क्यों किया था?? क्योंकि वो उन्हें उनकी खुशियों के साथ मारना चाहता था. अर्जुन के मुताबिक वो अपने मां-बाप का कत्ल दो दिसंबर को उस दिन भी कर सकता था, जिस दिन उसकी बहन का बर्थ डे था.
उस दिन भी घर में खुशियां थीं. लेकिन फिर उसे लगा कि ये उसकी बहन की खुशी का दिन है. उसकी मां बाप की खुशी का दिन तो आने वाला है. बस इसीलिए उसने दो की जगह 4 दिसंबर की तारीख चुनी. बकौल अर्जुन, वो कत्ल से पहले अपने मां-बाप के चेहरे पर वो खुशियां देखना चाहता था, जिससे उसे सबसे ज्यादा गुस्सा आता था. उनकी यही खुशी उसे इस कदर गुस्से में पागल कर गई कि देर रात अपने ही हाथों से अपने मां-बाप का गला रेत डाला. पुलिस के मुताबिक इस दिन को चुनने के पीछे एक और वजह भी थी. अर्जुन को यकीन था कि मैरिज एनिवर्सरी के दिन घर में खुशियों का माहौल होगा. बहुत से मेहमानऔर रिश्तेदार आएंगे.
वो सब उसे भी इस खुशी के पल में खुशी के साथ शामिल पाएंगे और ऐसे में किसी को उस पर शक भी नहीं होगा. दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक सीसीटीवी कैमरे के जरिए ये तो पता चल चुका था कि इस ट्रिपल मर्डर के पीछे अर्जुन ही है. लेकिन सिर्फ इतना काफी नहीं था कि वारदात वाली रात उस घर से ना कोई बाहर निकला, न ही घर के अंदर आया. ठीक ऐसी ही कहानी आरुषि केस में सामने आ चुकी थी. इसीलिए पुलिस को कुछ पुख्ता सबूतों की जरूरत थी. पहला सबूत अर्जुन की बाइक की शक्ल में मिला. उस पर खून के कुछ निशान थे. बाइक की चाबी तक पर खून के निशान मिले. जिम बैग के अंदर भी खून के कुछ निशान मिले.
बकौल पुलिस कत्ल के बाद अर्जुन ने अपने पहने हुए कपड़े जो खून से सन चुके थे, उन्हें जिम बैग में रख दिया था. फिर सुबह मॉर्निंग वॉक के नाम पर वो उसी बैग को लेकर संजय वन पहुंच गया. वहां उसने उन कपड़ों को ठिकाने लगा दिया. पुलिस ने उसके कपड़े भी बरामद कर लिए. इतना ही नहीं अर्जुन के मोबाइल से चार दिसंबर की सुबह संजय वन में उसका लोकेशन भी मैच कर गया. ये सारे सबूत उसके खिलाफ अदालत में बेहद कारगर साबित होंगे. इतना ही नहीं पुलिस ने अर्जुन के मोबाइल और लैपटॉप को जब कब्जे में लिया, तो उसमें से भी एक अहम जानकारी मिली. उसने गूगल पर कत्ल के तरीके सर्च किए थे.
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रविवार को जारी एक पत्र में बिधूड़ी ने मुख्यमंत्री पद के लिए किसी भी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा से साफ इनकार किया. उन्होंने अफवाहों को आम आदमी पार्टी (AAP) द्वारा जानबूझकर चलाया जा रहा अभियान बताया. बिधूड़ी ने पत्र में लिखा, 'मैं किसी पद पर कोई दावा नहीं करता. मुख्यमंत्री पद के लिए मेरे बारे में बात करना पूरी तरह से निराधार है.'
रविवार को जारी एक पत्र में बिधूड़ी ने मुख्यमंत्री पद के लिए किसी भी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा से साफ इनकार किया. उन्होंने अफवाहों को आम आदमी पार्टी (AAP) द्वारा जानबूझकर चलाया जा रहा अभियान बताया. बिधूड़ी ने पत्र में लिखा, 'मैं किसी पद पर कोई दावा नहीं करता. मुख्यमंत्री पद के लिए मेरे बारे में बात करना पूरी तरह से निराधार है.'