![बेटी की तलाश में भूख हड़ताल पर बैठा पिता, किडनैपर जेल में लेकिन लड़की लापता](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202203/bhopal_0-sixteen_nine.jpg)
बेटी की तलाश में भूख हड़ताल पर बैठा पिता, किडनैपर जेल में लेकिन लड़की लापता
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नीमच का एक शख्स 8 मार्च से भूख हड़ताल पर बैठा है और अपनी बेटी का पता पूछ रहा है. बेटी का अपहरण एक साल पहले हो गया था. अपहरणकर्ता जेल में हैं लेकिन बेटी लापता.
अपहरण हुए बच्चों के मां-बाप पर क्या गुजरती है, इसका एक उदाहरण मध्यप्रदेश के नीमच जिले में देखने को मिलता है. यहां पचास वर्षीय एक पिता, 8 मार्च से कलेक्टर कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल पर बैठा है. पिछले साल जनवरी में उनकी बेटी का अपहरण कर लिया गया था. यह अपनी बच्ची की जानकारी मांग रहे हैं. इस मामले में अपहरणकर्ता जेल में हैं, जबकि लापता बच्ची का सुराग नहीं है.
8 मार्च यानी विश्व महिला दिवस से नीमच जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल पर बैठे राकेश जोशी, सिस्टम को झकझोरने की कोशिश कर रहे हैं और अपनी 20 साल की बेटी का पता पूछ रहे हैं, जो 23 जनवरी 2021 से अपने ही घर से लापता हो गई थी. इनका इलाका मनसा पुलिस थाने के अंतर्गत आता है.
इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों के खिलाफ धारा 365 और 366 के तहत अपहरण का मामला दर्ज कर लिया था. लेकिन 20 साल की पीड़िता के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है. राकेश जोशी का कहना है, 'मेरी बेटी नेहा जोशी का पिछले साल 23 जनवरी को अपहरण कर लिया गया था. 9 अप्रैल को पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज किया और उन सभी को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन आज तक मुझे नहीं पता कि मेरी बेटी के साथ क्या हुआ. वो जिंदा भी है या मर चुकी है, मुझे यह जानने का अधिकार है.'
पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई पर सवाल उठाए जा रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इस घटना में पुलिस ने मामला दर्ज कर गिरफ्तारी भी तभी की, जब 9 मार्च, 2021 को राकेश जोशी राज्य के मुख्यमंत्री और गृह राज्य मंत्री से शिकायत की थी. पुलिस ने नेहा जोशी की कॉल डिटेल के आधार पर चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिनमें से एक आरोपी नाबालिग है. लेकिन शुरुआती दौर की पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया.
पुलिस के मुताबिक, चारों आरोपियों ने 23 जनवरी को शाम चार बजे पीड़िता को अपने साथ ले जाने की बात कुबूल की थी, लेकिन उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्होंने उसी दिन रात करीब 10 बजे पीड़िता को उसके घर से करीब 8 किलोमीटर दूर एक मंदिर में छोड़ दिया था. तलाशी लेने पर, पुलिस ने मंदिर परिसर से पीड़िता का मोबाइल फोन बरामद किया.
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पुलिस पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि चारों आरोपियों को पहले क्यों छोड़ दिया गया था और बाद में जब पीड़िता के पिता भोपाल में उच्च अधिकारियों से मिले, तो फिर से उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
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