![बेघरों-भिखारियों को भी काम करना चाहिए, सरकार उन्हें सब कुछ नहीं दे सकती: हाईकोर्ट](http://thewirehindi.com/wp-content/uploads/2020/05/Migrants-Homeless-PTI.jpg)
बेघरों-भिखारियों को भी काम करना चाहिए, सरकार उन्हें सब कुछ नहीं दे सकती: हाईकोर्ट
The Wire
बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर बेघर व्यक्तियों, भिखारियों और ग़रीबों को तीन वक़्त का भोजन, पीने का पानी, आश्रय और स्वच्छ सार्वजनिक शौचालय उपलब्ध कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया था. न्यायालय ने कहा कि बेघर व्यक्तियों को भी देश के लिए काम करना चाहिए. हर कोई काम कर रहा है. सब कुछ राज्य द्वारा ही नहीं दिया जा सकता है. आप (याचिकाकर्ता) सिर्फ़ समाज के इस वर्ग की आबादी बढ़ा रहे हैं.
नई दिल्ली: बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीते शनिवार को कहा कि बेघरों और भिखारियों को भी देश के लिए कुछ काम करना चाहिए, क्योंकि सरकार ही सब कुछ उन्हें उपलब्ध नहीं करा सकती है. मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और जस्टिस जीएस कुलकर्णी की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाते हुए बृजेश आर्य, जो कि ‘पहचान’ नामक एनजीओ के संस्थापक हैं, की उस जनहित याचिका का निपटारा कर दिया, जिसमें याचिकाकर्ता ने अदालत से बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) को शहर में बेघर व्यक्तियों, भिखारियों और गरीबों को तीन वक्त का भोजन, पीने का पानी, आश्रय और स्वच्छ सार्वजनिक शौचालय उपलब्ध कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया था. बीएमसी ने अदालत को सूचित किया कि गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) की मदद से पूरी मुंबई में ऐसे लोगों को भोजन और समाज के इस वर्ग की महिलाओं को सैनिटरी नैपकिन दिया जा रहा है. अदालत ने बीएमसी की इस दलील को मानते हुए कहा भोजन और सामग्री वितरण के संबंध में आगे निर्देश देने की आवश्यकता नहीं है. उच्च न्यायालय ने कहा, ‘उन्हें (बेघर व्यक्तियों को) भी देश के लिए कोई काम करना चाहिए. हर कोई काम कर रहा है. सब कुछ राज्य द्वारा ही नहीं दिया जा सकता है. आप (याचिकाकर्ता) सिर्फ समाज के इस वर्ग की आबादी बढ़ा रहे हैं.’More Related News