बेकार याचिकाएं दाखिल करने पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी- न्याय आपकी इच्छा से नहीं चल सकता
NDTV India
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि न्याय व्यवस्था में एक ही पक्ष जीतता है दूसरा हारता है. इसका मतलब ये नहीं कि न्याय हुआ ही नहीं, न्याय वो नहीं है जो आप चाहते हो. न्याय तो अपनी नजर और नजरिए से चलता है आपकी इच्छा से नहीं.
बेकार याचिकाएंदाखिल करने पर 25 लाख का जुर्माना ना चुकाने पर NGO सुराज इंडिया ट्रस्ट के अध्यक्ष अदालत की अवमानना का मामला चले या नहीं इस पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फैसला सुरक्षित रखा है. सुप्रीम कोर्ट ने NGO अध्यक्ष को कहा कि तीन दिनों के भीतर माफीनामा दाखिल कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजय किशन कौल ने अध्यक्ष राजीव दहिया को कहा कि न्याय व्यवस्था में एक ही पक्ष जीतता है दूसरा हारता है. इसका मतलब ये नहीं कि न्याय हुआ ही नहीं, न्याय वो नहीं है जो आप चाहते हो. न्याय तो अपनी नजर और नजरिए से चलता है आपकी इच्छा से नहीं. आप जिस भाषा में बोल रहे हैं, हम उसी भाषा में आपको समझा रहे हैं. आप सीधे सीधे न्याय व्यवस्था को ही दोष दे रहे हैं और न्यायपालिका व जजों को जो मन में आए वो बोलते जा रहे हैं. हमारा काम न्याय करने का है. हम न्याय करने को बैठे हैं. आपके कुछ भी बोलने से हम पर फर्क नहीं पड़ेगा. कानून तो सबके लिए बराबर है. आपके ऊपर है कि आप उसका इस्तेमाल कैसे करते हो. अब आप अपनी लाइसेंसी पिस्टल से गोली चला कर किसी को मार दो फिर कहो कि गलती मेरी नहीं लाइसेंस देने वाले की है, ये कोई तरीका है? ऐसे नहीं चलेगा, लेकिन आपकी आदत है कि इतना कीचड़ उछालो कि सामने वाला खुद ही पीछे हट जाए.More Related News