बुजुर्गों को ठगी का शिकार बनाता था गिरोह, किरायेदार बनकर पहुंची पुलिस और फिर...
AajTak
पुलिस को शुरुआती पूछताछ के बाद पता चला है कि इन ठगों ने पंजाब, गुजरात, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश के लोगों से अब तक करोड़ों रुपये की ठगी कर चुके हैं.
फर्जी कॉल सेंटर के जरिए बुजुर्गों को ठगी का शिकार बनाने वाले गिरोह का छत्तीसगढ़ पुलिस ने पर्दाफाश किया है. छत्तीसगढ़ की दुर्ग पुलिस ने इस मामले में दक्षिणी दिल्ली से चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने आरोपियों से अलग-अलग बैंकों के एटीएम कार्ड और दर्जनो बैंक खातों की जानकारी हासिल की है. बैंक खातों को फिलहाल फ्रीज कर दिया गया है. इसके साथ ही लगभग 1 लाख रुपए से ज्यादा की नकदी भी पुलिस ने बरामद की है.
ये गिरोह देश के अलग-अलग राज्यों के बुर्जुग निवासियों को ठगी का शिकार बनाते थे. यह गिरोह खासतौर पर रिटायर्ड बुजुर्ग नागरिकों को टारगेट करता था. अब पुलिस दूसरे राज्य से भी इस गिरोह से संबंधित लोगों को पकड़ने के लिए संपर्क कर रही है.
इस गिरोह का मुख्य आरोपी रंजन देहरादून में धोखाधड़ी के मामले में पहले भी गिरफ्तार हो चुका है. इस गिरोह के ठगों को पकड़ने के लिए दुर्ग पुलिस की टीम के अधिकारियों ने किरायेदार और ग्राहक बनकर रेकी की और बदमाशों तक पहुंच गई.
पुलिस के मुताबिक ये आरोपी ठगी की रकम का इस्तेमाल फैशन और कपड़ों के व्यापार में कर रहे थे. गिरोह कई राज्यों में ठगी की घटना को अंजाम दे चुका है.
एएसपी संजय ध्रुव ने बताया कि ठगी का शिकार हो चुके एक पीड़ित शख्स प्रभाकर राव दानीकर ने अपनी शिकायत में कहा था कि अज्ञात व्यक्तियों द्वारा अलग-अलग नम्बरों से फोन कर बीमा की राशि देने का दावा किया जा रहा था.
महाराष्ट्र के ठाणे में एक बच्ची का शव मिलने के बाद लोग आक्रोशित हो गए. दरअसल उल्हासनगर इलाके में तीन दिनों पहले एक बच्ची लापता हो गई थी जिसके बाद परिजनों ने थाने में गायब होने की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी. इसी के बाद गुरुवार को उसका शव हिल लाइन पुलिस स्टेशन से कुछ दूरी पर मिला जिसे देखकर स्थानीय लोग भड़क गए.
गौतम अडानी पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका के निवेशकों के पैसे से भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी और ये रिश्वत भी उन प्रोजेक्ट्स के लिए दी गई, जिससे 20 वर्षों में अडानी ग्रुप की एक कम्पनी को 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर्स यानी भारतीय रुपयों में लगभग 16 हज़ार 881 करोड़ रुपये का मुनाफा होने का अनुमान है. आरोप है कि इस मुनाफे के लिए साल 2021 से 2022 के बीच आंध्र प्रदेश, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ की सरकारों को लगभग 2200 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई.
गौतम अडानी एक बार फिर चर्चा में हैं क्योंकि उन पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को करोड़ों रुपये की रिश्वत देने का आरोप है. इस मामले पर NSUI ने भी प्रदर्शन किया है. इस मुद्दे ने राजनीतिक और व्यावसायिक जगत में खलबली मचा दी है, जिसमें भ्रष्टाचार और व्यापारिक नैतिकता के सवाल शामिल हैं.