बीजेपी से आए धर्म सिंह सैनी को सपा ने क्यों नहीं रोका? घर वापसी को सरकारी दबाव में क्यों बता रही पार्टी
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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले योगी सरकार से इस्तीफा देकर सपा की साइकिल पर सवारी करने वाले धर्म सिंह सैनी अब उससे उतर गए हैं. वो बुधवार को खतौली में योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में बीजेपी का दामन दोबारा से थामेंगे. धर्म सिंह सैनी एक साल भी सपा में नहीं रह सके और 312 दिन के बाद में पार्टी को अलविदा कह दिया है.
उत्तर प्रदेश की सियासत में सपा और बीजेपी के बीच शह-मात का खेल जारी है. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मंत्री पद से इस्तीफा और बीजेपी छोड़कर सपा की साइकिल की सवारी करने वाले धर्म सिंह सैनी एक बार फिर से 'घर वापसी' करने जा रहे हैं. मुजफ्फरनगर की खतौली में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में धर्म सिंह सैनी बीजेपी का दामन फिर से थामेंगे. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर क्या वजह रही कि पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी का 312 दिन में ही अखिलेश यादव से मोहभंग हो गया है और सपा ने उन्हें क्यों नहीं साथ नहीं रख पाई.
धर्म सिंह सैनी दबाव नहीं झेल पाए-सपा समाजवादी पार्टी का कहना है कि पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी बीजेपी सरकार का दबाव नहीं झेल पाए. सरकार के ब्लैकमेल से बचने के लिए ली उन्होंने बीजेपी में शरण ली है. सपा के प्रवक्ता उदयवीर ने कहा कि आयुष मंत्रालय के भर्ती घोटाले मामले की जांच में तेजी आने के बाद ही धर्म सिंह सैनी वापस बीजेपी का रुख किया है. उन्होंने कहा के बहुत सारे राजनीतिक लोगों में दबाव सहने की क्षमता नहीं होती है. ऐसे में मुकदमों को झेलने की नौबत आ जाए तो सरकार के दबाव को सहना सबके लिए आसान नहीं होती. इसी वजह से धर्म सिंह सैनी वापस बीजेपी जा रहे हैं?
सैनी को सपा क्यों साथ नहीं रख पाई धर्म सिंह सैनी को सपा में आए हुए अभी एक साल भी नहीं हुए थे कि उन्होंने बीजेपी में दोबारा से वापसी करने जा रहे हैं. इस तरह क्या धर्म सिंह सैनी को सपा अपने साथ रोककर नहीं रख पाई. इसे लेकर उदयवीर कहते हैं कि धर्म सिंह सैनी को सपा ने पूरी तरह से सम्मान और तवज्जे दिया है. 2022 के विधानसभा चुनाव में धर्म सिंह सैनी लड़ने आए थे. सपा ने अपनी पार्टी के नेताओं की जगह उन्हें तरजीह दी और टिकट देकर चुनाव भी लड़ाया. नकुड़ सीट से वो बहुत मामूली वोटों से हार गए थे. सपा का वोट उन्हें पूरी तरह से मिला था जबकि उनके ही समाज के लोगों ने उन्हें वोट नहीं दिया था.
उदयवीर कहते हैं कि विपक्ष में रहते हुए हमारे पास इतनी एमएलसी और राज्यसभा की सीटें नहीं थी कि हम राज्यसभा या फिर एमएलसी भेजकर तुरंत एडजस्ट कर पाते. सपा का संगठन अभी बन रहा है, जिसमें पार्टी के तमाम नेताओं को जगह दी जाएगी. उदयवीर कहते हैं कि धर्म सिंह सैनी को सपा ने पूरा सम्मान दिया था और साथ रहते तो निश्चित तौर पर आगे भी हम सम्मान देते, लेकिन सरकार का दबाव नहीं झेल सके और बीजेपी में वापसी कर रहे हैं.
चुनाव से ठीक पहले सपा में आए थे
बता दें कि इसी साल विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी तपिश गर्म थी तभी धर्म सिंह सैनी ने योगी सरकार की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था. 13 जनवरी 2022 को धर्म सिंह सैनी ने बीजेपी छोड़ी थी और अखिलेश यादव से मुलाकात कर सपा में शामिल हो गए थे, उस समय बीजेपी के लिए यह बड़ा झटका माना गया था. इसकी वजह यह थी कि धर्म सिंह सैनी लगातार चार बार के विधायक थे और सैनी समुदाय के बड़े नेता माने जाते थे.
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