बीजेपी ने किया साइडलाइन! अब क्या करेंगे VIP चीफ मुकेश सहनी?
AajTak
UP चुनाव में मुकेश सहनी ने 53 सीटों पर बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ा था. वहीं बिहार में 24 सीटों पर एमएलसी चुनाव भी होना है और इस चुनाव के लिए भी मुकेश सहनी की पार्टी ने बीजेपी के खिलाफ 7 सीटों पर अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी है.
भारतीय जनता पार्टी ने बिहार विधानसभा की बोचहां सीट के लिए होने वाले उपचुनाव के लिए अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी है. बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति के ओर से जारी की गई लिस्ट में पार्टी ने बोचहां सीट से पूर्व विधायक बेबी कुमारी को उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में बीजेपी ने तो स्पष्ट तौर पर विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश मुकेश सहनी को संकेत दे दिया है. लेकिन अब मुकेश सहनी को तय करना है कि उन्हें आगे का रास्ता कैसे तय करना है. बीजेपी ने बोचहा विधानसभा से उम्मीदवार बेबी कुमारी को मैदान में उतार दिया जबकि यह सीट पहले वीआईपी के कोटे में थी.
मुकेश साहनी ने बीजेपी के इस कदम पर कोई विशेष प्रतिक्रिया तो नहीं जताई है लेकिन अपने फेसबुक वॉल पर जरूर लिखा, कि होली के शुभ अवसर पर सहयोगी दल के द्वारा दिए गए तोहफे के लिए धन्यवाद। उन्होंने यह भी लिखा कि उनका यह निर्णय दर्शाता है कि हम निषाद समाज एवं पूरे अति पिछड़े समाज के हक एवं अधिकार की लड़ाई को सही दिशा में लड़ रहे हैं यह हक और अधिकार के लड़ाई में खलल डालने का प्रयास है हमारा संघर्ष जारी रहेगा. मुकेश सहनी की ओर से यह तो साफ है कि वह आगे लड़ाई जारी रखेंगे, लेकिन कैसे? सबसे बड़ा सवाल यही है.
2020 के विधानसभा चुनाव के ऐन मौके पर मुकेश सहनी ने एनडीए का दामन थामा था उससे पहले वह महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस से गठबंधन तोड़ कर निकले थे. तब बीजेपी ने विधानसभा में उन्हें 11 टिकट और एक एमएलसी की सीट भी दी थी. बाद में एनडीए की सरकार बनी और मुकेश सहनी उसमें मंत्री बनाए गए. लेकिन जब मुकेश सहनी ने उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया तो यहीं पर खटपट शुरू हो गयी. वो बीजेपी के गठबंधन के साथ चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में उनको भाव नहीं दिया और वह अकेले ही चुनाव मैदान में उतर गए. हालांकि उस चुनाव में उन्हें कोई सफलता नहीं मिली पर बीजेपी और उनके बीच रिश्तों में खटास ज़रूर आ गयी.
उन्होंने उत्तर प्रदेश के चुनाव में बीजेपी के शीर्ष नेताओं के खिलाफ कई बयान दिए और लगातार निषादों को 15% आरक्षण देने का मुद्दा लगातार उठाते रहे. उसके बाद से बिहार बीजेपी ने उनसे दूरी बना ली और खास तौर पर बीजेपी के एक निषाद नेता और मुजफ्फरपुर के बीजेपी सांसद अजय निषाद ने मुकेश सहनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.
बीजेपी का इशारा साफ था वह एक निषाद नेता को आगे करके मुकेश सहनी को यह बताने की लगातार कोशिश कर रही थी कि उन्हें अब सहनी की बहुत ज्यादा जरूरत नहीं है. उनके पास भी निषाद यानी मल्लाहों के नेता हैं. मुकेश सहनी ने उस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और वह लगातार उत्तर प्रदेश में कैंपेन करते रहे. यही नहीं उत्तर प्रदेश में बुरी तरह चुनाव हारने के बाद भी उन्होंने झारखंड में अपनी पार्टी वीआईपी को लॉन्च कर दिया. जैसे उत्तर प्रदेश के चुनाव का उन पर कोई असर ही नहीं हुआ हो.
साल 2020 के चुनाव में मुकेश सहनी के चार विधायक चुनकर आए थे. जिसमें से एक विधायक मुसाफिर पासवान जो कि बोचहा विधानसभा से जीते थे उनका निधन हो गया. और इसी वजह से ही यह उपचुनाव भी हो रहा है. माना जा रहा है कि बाकी के तीन विधायक भी उनके साथ हैं या नहीं? इसको लेकर संशय लगातार बना हुआ है. माना जाता है कि ये तीनों विधायक बीजेपी खेमे के हैं. इसलिए बीजेपी को भी मुकेश सहनी के नहीं रहने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है.
कल यानी सोमवार से शुरू हो रहे संसद के महत्वपूर्ण शीतकालीन सत्र को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में सभी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है और उनसे कहा गया है कि वे संसद के सत्र को सुचारू रूप से चलने दें. विपक्ष पहले से ही हंगामा करने की तैयारी में है और उसके पास लंबी चौड़ी मुद्दों की लिस्ट है. देखें VIDEO
साहित्य आजतक 2024 के विशेष कार्यक्रम में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को विशेष आमंत्रित किया गया था. इस कार्यक्रम में उन्हें 8 अलग-अलग श्रेणियों में सम्मानित किया गया. लेखक गुलज़ार को 'लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड' से भी सम्मानित किया गया. इस महत्त्वपूर्ण अवसर को और भी यादगार बनाने के लिए देखें महामहीम का भाषण.
महाराष्ट्र की राजनीति में अजित पवार का नाम तेजी से उभर रहा है. 65 साल की उम्र में वे तीन बार उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं और अब मुख्यमंत्री बनने की इच्छा रखते हैं. उन्होंने अपने चाचा शरद पवार को चुनावी मुकाबले में हराकर अपने राजनीतिक कौशल का परिचय दिया है. इस विजय को महाराष्ट्र में बड़े राजनीतिक बदलाव के रूप में देखा जा रहा है.
15 नवंबर को दोपहर के समय एक बुजुर्ग अपने कमरे में बैठे थे, जब एक अनजान कॉल आया. कॉलर ने खुद को पुलिस का वरिष्ठ अधिकारी बताते हुए कहा कि उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया है. ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं जहां लोग पुलिस बनकर ठगी कर रहे हैं. बुजुर्गों को इन्टरनेट और फोन के माध्यम से होने वाले इन धोखाधड़ी से सावधान रहने की आवश्यकता है ताकि वह इस तरह के अज्ञात कॉल्स और फ्रॉड से बच सकें.
यूपी के संभल में जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हुए बवाल में तीन लोगों की मौत हो गई है. एसपी ने इसकी पुष्टि कर दी है. शनिवार की सुबह जब कोर्ट के आदेश पर टीम सर्वे करने पहुंची तो स्थानीय लोगों ने बवाल शुरू कर दिया और पुलिसकर्मियों पर पत्थर फेंकने लगे जिसमें एसपी समेत कई लोगों को चोट आई है. प्रदर्शनकारियों ने आगजनी भी की और कई गाड़ियों को फूंक दिया.
उत्तर प्रदेश के संभल में तनाव लगातार बढ़ रहा है. जहां दो लोगों की मौत हो गई है और कई लोग जख्मी हुए हैं. संभल के एसपी ने इसकी पुष्टि की है. मस्जिद के सर्वे को लेकर यह तनाव बढ़ा है और पुलिसवाले खूब जख्मी हुए हैं. खुद पुलिस कप्तान को भी चोट लगी है. स्थानीय लोगों के साथ पुलिस की बातचीत चल रही है और धारा 144 लागू की गई है.
महाराष्ट्र की सियासत में अजीत पवार का नाम बड़े परिवर्तन की ओर इशारा कर रहा है. 65 वर्षीय अजीत पवार ने तीन बार उपमुख्यमंत्री का पद संभाला है और अब वे सीएम बनना चाहते हैं. उन्होंने अपने चाचा और नेताजी शरद पवार को चुनावी युद्ध में हराकर अपनी ताकत का परिचय दिया है. अजीत पवार की इस जीत को महाराष्ट्र में बड़े सियासी बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है. कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने महाराष्ट्र के नए सीएम को लेकर आज तक संवाददाता विद्या से बातचीत की है.