
बिहार सरकार ने 2018-19 में एससी/एसटी वज़ीफ़े की राशि से बनाए सड़क और तटबंध: कैग रिपोर्ट
The Wire
अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत 2.5 लाख रुपये से कम सालाना आय वाले एससी/एसटी छात्रों को पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप दी जाती है, जिसका मक़सद कक्षा 10 से स्नातकोत्तर तक के छात्रों की मदद करना है. 2018-19 की कैग रिपोर्ट के मुताबिक़, राज्य सरकार ने वज़ीफ़े के लिए निर्धारित राशि में से कई करोड़ रुपये विभिन्न प्रोजेक्ट में खर्च किए. लंबे समय से राज्य सरकार छात्रवृत्ति न देने की वजह फंड की कमी बता रही थी.
नई दिल्ली: बिहार सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति छात्रवृत्ति के लिए निर्धारित राशि को रोड, तटबंध, मेडिकल कॉलेज, सरकारी बिल्डिंग बनाने जैसे कार्यों में खर्च किया था.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की एक रिपोर्ट से ये जानकारी सामने आई है. इसमें राज्य सरकार के वित्त को खर्च करने में कई अनियमितताओं को उजागर किया गया है.
अनुसूचित जाति उप योजना (एससीएसपी) के तहत 2.5 लाख रुपये से कम वार्षिक पारिवारिक आय वाले एससी/एसटी छात्रों को पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप (पीएमएस) दी जाती है.
इसका 60 फीसदी पैसा केंद्र की सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा दिया जाता है, जिसका मकसद कक्षा 10 से स्नातकोत्तर तक पढ़ाई करने में बच्चों की मदद करना है.