बिहार: सरकारी स्कूल की दीवार और लोहे का गेट गिरा, 8 साल की बच्ची की मौत, एक घायल
AajTak
समस्तीपुर में एक सरकारी स्कूल में लगा लोहे का गेट गिर गया. जिसके नीचे दबने से एक 8 साल की लड़की की मौत हो गई. इस घटना के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है और मामले की जांच में जुटी है.
बिहार के समस्तीपुर में एक सरकारी स्कूल की दीवार और लोहे का गेट गिर जाने से 8 साल की बच्ची की मौत हो गई और एक गंभीर रूप से घायल हो गई. ग्रामीणों की मदद से घायल को शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. यह घटना बुधवार शाम पांच बजे की है. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और मामले की जांच शुरू की.
मृतका की पहचान खंजापुर गांव के वार्ड 02 निवासी जितेंद्र कामती की पुत्री नंदनी कुमारी के रूप में हुई है. उसके साथ राजकुमार पंडित की पुत्री 10 साल की नीतिका कुमारी भी गंभीर रूप से घायल हुई.
मृतक बच्ची के परिजनों का कहना है कि बुधवार को पड़ोस में ही एक शादी समारोह का आयोजन था. जहां पूजा करने लोग समना गांव गए थे. वहां से लौटते समय अपग्रेडेड मिडिल स्कूल समना के पास महिलाएं पानी पीने के लिए रुक गईं. नीतिका और नंदनी पानी पीने के लिए स्कूल के परिसर में गईं. पानी पीकर लौटते वक्त स्कूल के गेट की दीवार अचानक गिर गई. इसमें दबकर घटनास्थल पर ही नंदनी की मौत हो गई.
पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया है. मामले की जांच की जा रही है और इधर, घटना के बाद मृतक के घर को कोहराम मच गया. घटना के बाद परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है. बताया जा रहा है कि गेट का निर्माण 15 साल पहले हुआ था.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.