बिहार में उलटफेर, राज्यपाल से मिलकर इस्तीफा देंगे नीतीश सरकार में BJP के 16 मंत्री
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बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी का ब्रेकअप लगभग तय नजर आ रहा है. पटना में सियासी गहमागहमी के बीच बीजेपी कोटे से नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री अपने पद से इस्तीफा देंगे. नीतीश सरकार में बीजेपी कोटे के 16 मंत्री राज्यपाल से मिलकर उन्हें मंत्री पद से अपना इस्तीफा सौंपेंगे.
बिहार में सियासी उलटफेर की आशंकाओं के बीच पटना में सियासी गहमागहमी बढ़ गई है. नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल के नेतृत्व वाले महागठबंधन में बैठकों का दौर चल रहा है. इस बीच नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार में गठबंधन सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अब तक चुप्पी साधे हुए थी.
जेडीयू और बीजेपी का गठबंधन बचाने की कवायदें विफल हो गईं, शायद ये बीजेपी भी अब मान चुकी है. बिहार के सियासी घटनाक्रम को देखते हुए बीजेपी भी ये मान चुकी है कि सूबे की सरकार में उसकी भागीदारी के अब कुछ ही समय शेष बचे हैं. यही वजह हो सकती है कि पार्टी ने नीतीश सरकार में अपने कोटे के मंत्रियों से राज्यपाल को मंत्री पद से इस्तीफा सौंप देने के लिए कह दिया है.
सूत्रों की मानें तो बीजेपी ने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार में अपने कोटे के मंत्रियों को ये निर्देश दिया है कि वे राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात करें. सूत्रों ने ये भी बताया कि नीतीश सरकार में बीजेपी कोटे के सभी 16 मंत्रियों से राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें मंत्री पद से अपना इस्तीफा सौंप देने के लिए भी कहा गया है.
गौरतलब है कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार के भविष्य को लेकर पिछले कुछ दिनों से अटकलों का बाजार गर्म था. जेडीयू और बीजेपी के बीच दूरियां लगातार बढ़ती जा रही थीं तो वहीं नीतीश कुमार भी केंद्र सरकार के कार्यक्रमों से भी दूरी बनाए हुए थे.
एनडीए गठबंधन के भविष्य पर पिछले कुछ दिनों से सवाल उठ रहे तो बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने बिहार के नेताओं को साफ ताकीद कर दी थी कि वे गठबंधन को लेकर कोई भी बयान न दें. बीजेपी हाईकमान की ओर से बिहार के नेताओं को ये साफ कह दिया गया था कि गठबंधन से जुड़े सवालों पर बस इतना ही कहें कि सबकुछ ठीक है.
अभी सुबह तक जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार एनडीए में सबकुछ ठीक होने का दावा किया था लेकिन इसके बाद सियासी समीकरण तेजी से बदले. कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों ने नीतीश कुमार के समर्थन का पत्र महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव को सौंप भी दिया है.
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