
बिहार: गया के पटवा टोली में 24 घंटे काम कर रहे कारीगर, 20 दिनों में 3 गुना बढ़ी कफन की मांग
ABP News
कफन कारोबारी सुरेश तांती ने बताया कि कोरोना काल में मौत की संख्या बढ़ गई है. ऐसे में कफन की मांग भी बढ़ी है, जिस वजह से परिवार के लोग भी काम में जुट गए हैं. उन्होंने बताया कि आज से करीब 10 साल पहले भी ऐसे स्थिति आई थी, जब डायरिया से लोगों की मौत हो रही थी.
गया: बिहार समेत पूरे देश कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का कहर जारी है. संक्रमण की जद में आकर मरने वालों की संख्या डराती है. श्मशान घाट और कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार के लिए जद्दोजहद, इस बात का गवाह है कि कितनी संख्या में लोगों की जान जा रही है. इसी क्रम में बिहार के गया जिले के पटवा टोली में सफेद चादर और कफन का कारोबार करने वाले कारोबारियों ने जो बात कही है, वो चौंकाती है. कारोबारी सत्येंद्र कुमार ने बताया कि वे इनदिनों बिहार के फतुहा और गया जिले में कफन की आपूर्ति करते-करते परेशान हो रहे हैं. कोरोना काल में कफन की मांग पहले की अपेक्षा 3 गुना बढ़ गई है. कोरोना से पहले कफन की मांग इतनी अधिक नहीं थी. गया श्मशान घाट पर सप्ताह में कफन के 500 बंडल जाते थे. लेकिन अभी प्रतिदिन 200 से 300 बंडल की आपूर्ति की जा रही है.More Related News