बिहार के बाद अब झारखंड में भी होगा जातीय सर्वे, चंपई कैबिनेट ने प्रस्ताव पर लगाई मुहर
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बिहार के बाद अब झारखंड में जातीय जनगणना होगी, चंपई कैबिनेट ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है. इसे कराने की जिम्मेदारी कार्मिक विभाग को दी गई है. कहा जा रहा है कि कास्ट सेंसस के बाद सरकार आरक्षण को लेकर कोई फैसला ले सकती है.
लोकसभा चुनाव के बाद हुई पहली कैबिनेट की बैठक में झारखंड की चंपई सोरेन सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं. यूं तो कुल 33 प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई है लेकिन इसमें कास्ट बेस्ड सेंसस (जातीय सर्वे) करवाने का फैसला सबसे अहम है. बिहार के बाद झारखंड ऐसा कदम उठाने वाला दूसरा राज्य है. कैबिनेट ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है.
इस जातीय सर्वेक्षण करवाने की जिम्मेदारी कार्मिक विभाग को दी गई है. हालांकि ये कब से शुरू होगा उस लेकर अभी कोई तारीख तय नहीं की गई है.जातीय सर्वे लोकसभा चुनाव के दौरान INDIA ब्लॉक के चुनाव प्रचार का बड़ा एजेंडा था. कांग्रेस के स्टार कैंपेनर राहुल गांधी अपनी सभाओं में लगातार इसकी घोषणा करते हुए दिखे थे.
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इसी साल होने हैं झारखंड में चुनाव
बिहार में भी जब कांग्रेस और राजद समर्थित सरकार थी तो तभी कास्ट बेस्ड सेंसस हुआ था. इस मुद्दे पर सरकार ने बीते विधानसभा सत्र के दौरान एक सवाल के जवाब में सदन के अंदर ही आश्वासन दिया था. झारखंड में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है, ऐसे में चंपई सरकार का ये फैसला अहम माना जा रहा है. कास्ट सेंसस के बाद सरकार आरक्षण को लेकर कोई फैसला ले सकती है.
सीएम सोरेन कर चुके हैं ये ऐलान
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