बिहार का वह गांव जहां से पकड़े गए 31 'साइबर अपराधी'- ग्राउंड रिपोर्ट
BBC
बिहार में पुलिस ने साइबर अपराध के ख़िलाफ़ चलाई गई एक मुहिम के तहत नवादा ज़िले के एक गांव से 31 लोगों को एक साथ पकड़ा. कैसा है ये गांव, साइबर अपराध के बारे में क्या कह रहे हैं अधिकारी?
थालपोश गांव ऊपर से शांत, लेकिन अंदर से बेचैन है. बिहार के नवादा ज़िले के पकरी बरावां प्रखंड के इस गांव से 15 फ़रवरी को नवादा पुलिस ने कथित तौर पर साइबर अपराध में लिप्त 31 लोगों को एक साथ पकड़ा.
घटना के पाँच दिन बाद बीबीसी की टीम जब गांव पहुँची तो सिर्फ़ उम्रदराज़ पुरुष-महिलाएं और कम उम्र के बच्चे ही दिखे. खेतों में भी कोई नौजवान काम करता नहीं दिखा. हर बाहरी व्यक्ति को गांव वाले शंका भरी नज़रों से देख रहे थे. लेकिन गांव में पसरे इस सन्नाटे के बीच कभी-कभी रोने की हल्की आवाज़ें सुनाई पड़ रही थीं.
शरवीला देवी रो रही थीं. उनके 19 साल के बेटे गुलशन कुमार को भी पुलिस गिरफ़्तार कर ले गई है. गुलशन ने सरदार पटेल हाई स्कूल, खोनंदपुर से साल 2019 में दसवीं की परीक्षा फ़र्स्ट डिवीज़न से पास की थी. उन्हें बिहार सरकार से प्रोत्साहन के तौर पर 10 हज़ार रुपये भी मिले थे.
शरवीला देवी बताती हैं, "उसी पैसे से उसने बड़ा वाला फ़ोन लिया था. बाद में इंटर की परीक्षा में वो फ़ेल हो गया तो उसने अपना पुराना फ़ोन बेच नया फ़ोन लिया. कहा कि उसे फिर से इंटर की पढ़ाई के लिए दूसरे अच्छे फ़ोन की ज़रूरत है."