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बिहार: अंधेरी बस्तियों से फूटी रोशनी की किरण
The Wire
बीते महीने बिहार के दरभंगा ज़िले की अदलपुर पंचायत में मुस्लिमों के अत्यंत पिछड़ा वर्ग से आने वाले और अमूमन सामाजिक उपेक्षा का शिकार रहे 'फ़कीर' समुदाय के दो बच्चे हाईस्कूल की दहलीज़ तक पहुंचे, वहीं गांव के ही दो दलित बच्चों ने पहली बार मैट्रिक पास किया है.
आइए, महसूस करिए ज़िंदगी के ताप कोमैं दलितों की गली तक ले चलूंगा आपको अदम गोंडवी ने इस शेर में देश की जाने कितनी गुमनाम गलियों का मर्सिया लिख दिया है, लेकिन बिहार के दरभंगा ज़िले में राष्ट्रीय राजमार्ग 57 से सटे सदर प्रखंड के अदलपुर पंचायत में दलितों और फ़क़ीरों की गलियों के ‘कुरूप संगम’ को क्या नाम दिया जाए ये एक सवाल ज़रूर है? हालांकि यहां कथित सभ्य समाज के दो हाशियाई वर्ग ज़िंदगी के ताप को तेज़ तर करते नज़र आते हैं. इस ताप की व्याख्या भेदभाव और शोषण के इतिहास के साथ ही की जानी चाहिए कि इन पिछड़ी गलियों में सुबह की कहानी भी अंधेरों में लिपटी हुई है. पंचायत में दस से बारह घरों की आबादी वाले फ़क़ीरों के बांस और मिट्टी की दीवारें दो घरों की आबादी वाले दलितों के आंगन में अपना ज़ख़्म उघाड़ती हैं.More Related News