![बिलक़ीस बानो मामले के दोषियों को केंद्र की मंज़ूरी से रिहा किया गया: गुजरात सरकार](https://thewirehindi.com/wp-content/uploads/2022/08/Bilkis-Bano-Pti-Files.jpg)
बिलक़ीस बानो मामले के दोषियों को केंद्र की मंज़ूरी से रिहा किया गया: गुजरात सरकार
The Wire
सुप्रीम कोर्ट में बिलक़ीस बानो मामले के 11 दोषियों की समयपूर्व रिहाई के ख़िलाफ़ याचिका के जवाब में गुजरात सरकार ने कहा है कि इस क़दम को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंज़ूरी दी थी. सरकार के हलफ़नामे के अनुसार, सीबीआई, स्पेशल क्राइम ब्रांच, मुंबई और सीबीआई की अदालत ने सज़ा माफ़ी का विरोध किया था.
नई दिल्ली: गुजरात सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि बिलकीस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में 11 दोषियों को माफी देने के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी ली गई थी. The affidavit filed by the Gujarat Govt shows that SP, CBI, SCB, Mumbai and Special Judge(CBI) Mumbai opposed the remission of convicts’ sentence. MHA recommended premature release of #BilkisBano case convicts. pic.twitter.com/mY9Fr77O3V
लाइव लॉ के अनुसार, 17 अक्टूबर को अदालत के समक्ष गुजरात सरकार ने बताया कि 11 जुलाई 2022 की तारीख के पत्र के माध्यम से केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा गुजरात दंगों के दौरान बिलकीस बानो के सामूहिक बलात्कार और उनके परिजनों की हत्या के दोषी ठहराए गए ग्यारह लोगों की सज़ा माफ़ी और समय पूर्व रिहाई को मंजूरी दी गई थी. — Live Law (@LiveLawIndia) October 17, 2022
राज्य सरकार ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता सुभाषिनी अली, स्वतंत्र पत्रकार रेवती लाल और लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति रूपरेखा वर्मा की दोषियों की रिहाई के खिलाफ दायर की गई जनहित याचिका पर अपना जवाब दाखिल किया.
अपने हलफनामे ने सरकार ने कहा कि ‘उनका [दोषियों] का व्यवहार अच्छा पाया गया था’ और उन्हें इस आधार पर रिहा किया गया कि वे कैद में चौदह साल गुजार चुके थे.