बिलक़ीस मामला: दोषियों की सज़ा माफ़ी पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र व गुजरात सरकार को नोटिस भेजा
The Wire
बिलक़ीस बानो के सामूहिक बलात्कार और उनके परिजनों की हत्या के 11 दोषियों की समयपूर्व रिहाई के ख़िलाफ़ याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरोपियों ने जो किया, उसके लिए उन्हें सज़ा मिली. सवाल यह है कि क्या वे सज़ा माफ़ी के हक़दार हैं और क्या यह माफ़ी क़ानून के मुताबिक़ दी गई.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बिलकीस बानो के सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे 11 दोषियों की रिहाई को चुनौती देने वाली एक याचिका पर गुरुवार को केंद्र और गुजरात सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा. Justice Rastogi : Merely because the act was horrifc, is that sufficient to say remission is wrong?#BilkisBano #SupremeCourt #CJIRamana
गुजरात सरकार की माफी नीति के तहत इस साल 15 अगस्त को गोधरा उप-कारावास से 11 दोषियों की रिहाई से जघन्य मामलों में इस तरह की राहत के मुद्दे पर बहस शुरू हो गई है. — Live Law (@LiveLawIndia) August 25, 2022
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता सुभाषिनी अली, पत्रकार रेवती लाल और कार्यकर्ता रूपरेखा रानी ने सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दायर की थी.
दोषियों की सजा माफ़ी के खिलाफ एक अन्य याचिका टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने भी दायर की थी. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, शीर्ष अदालत इसे सुनने को सहमत हो गई है.