
'बिना शर्त यूक्रेन से बातचीत को तैयार...', अमेरिकी से बोले रूसी राष्ट्रपति व्लादमीर पुतिन
AajTak
रिपोर्ट के मुताबिक पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ से मुलाकात के दौरान कहा कि रूस बिना किसी पूर्व शर्त के यूक्रेन से बातचीत के लिए तैयार है. शुक्रवार को मॉस्को में दोनों नेताओं के बीच करीब तीन घंटे तक बातचीत चली.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बार फिर यूक्रेन के साथ बिना किसी पूर्व शर्त के बातचीत के लिए तैयार होने की इच्छा जताई है. यह जानकारी न्यूज एजेंसी इंटरफैक्स ने क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव के हवाले से दी है. इसके मुताबिक पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ से मुलाकात के दौरान कहा कि रूस बिना किसी पूर्व शर्त के यूक्रेन से बातचीत के लिए तैयार है.
दरअसल, शुक्रवार को मॉस्को में दोनों नेताओं के बीच करीब तीन घंटे तक बातचीत चली. इस मुलाकात में यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए अमेरिका द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव पर चर्चा हुई. हालांकि दोनों पक्षों के बीच कुछ मुद्दों पर मतभेद भी सामने आए, लेकिन बाद में ट्रंप ने कहा कि दोनों पक्ष एक समझौते के बहुत करीब हैं.
इस घटनाक्रम के बीच, रूस ने शनिवार को पश्चिमी कुर्स्क क्षेत्र की पूर्ण मुक्ति की घोषणा की और यूक्रेनी सेना को वहां से खदेड़ने में उत्तर कोरियाई सैनिकों की भूमिका की सराहना की. अगस्त 2024 में यूक्रेनी सेना ने कुर्स्क क्षेत्र के कुछ हिस्सों पर कब्जा कर लिया था. हालांकि, यूक्रेन ने रूस के इस दावे को खारिज कर दिया है.
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को जानकारी देते हुए रूसी सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ के प्रमुख जनरल वालेरी गेरासिमोव ने कहा, "आज सुबह गॉर्नल बस्ती की मुक्ति के बाद कुर्स्क क्षेत्र को पूरी तरह से यूक्रेनी सैनिकों से मुक्त कर दिया गया है."
टीएएसएस समाचार एजेंसी के अनुसार, जनरल गेरासिमोव ने कहा, "कोरियाई पीपुल्स आर्मी के सैनिकों और अधिकारियों ने रूसी सैनिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ते हुए यूक्रेनी घुसपैठ को रोकने में उच्चतम स्तर का पेशेवर कौशल, साहस, धैर्य और वीरता का परिचय दिया."
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने भी उत्तर कोरियाई सैनिकों का समर्थन के लिए आभार जताते हुए कहा, "रूस अपने डीपीआरके (उत्तर कोरिया) के मित्रों को कभी नहीं भूलेगा."

बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान 17 वर्षों के निर्वासन के बाद बांग्लादेश लौटे हैं. बीएनपी ने उनके स्वागत के लिए 50 लाख समर्थकों को जुटाने का लक्ष्य रखा है. यह वापसी फरवरी में होने वाले संसदीय चुनावों से पहले हो रही है जिसमें तारिक रहमान प्रधानमंत्री पद के प्रमुख दावेदार हैं.

पाकिस्तान की सेना का फ्रॉड अफ्रीकी महादेश में भी जारी है. आर्मी चीफ आसिम मुनीर ने पाकिस्तान और अफ्रीकी देश लीबिया के बीच हुए 4 अरब डॉलर के सैन्य समझौते का खूब डंका बजाया. लेकिन मुनीर ने ये डील यूएन के प्रतिबंधों को धत्ता बताकर लीबिया के उस सैन्य नेता के साथ की है जिस पर अतंर्राष्ट्रीय प्रतिबंध लगा है. और कोई भी देश या एजेंसी लीबिया को हथियारों की सप्लाई नहीं कर सकता है.

बांग्लादेश में हालिया हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता के कारण हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा गंभीर खतरे में है. शेख हसीना सरकार के पतन के बाद इस्लामिक कट्टरपंथियों के हमले बढ़े हैं, जिससे कई हिंदू परिवार विस्थापित हुए हैं. हिंदुओं पर अत्याचार न रोक पाने वाला बांग्लादेश म्यांमार से आए रोहिंग्या मुसलमानों को बसाने का दावा करता है.










