बिना वजह गिरफ़्तारियां न्यायिक प्रणाली पर बोझ डालती हैं: पूर्व सीजेआई यूयू ललित
The Wire
पूर्व प्रधान न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित ने एक कार्यक्रम में कहा कि हाल के दिनों में गिरफ़्तारियां स्वाभाविक रूप से, बार-बार और बिना किसी कारण के की जा रही हैं. गिरफ़्तारी यह देखे बिना की जाती है कि क्या इसकी आवश्यकता है. दीवानी विवादों को आपराधिक मामलों के रूप में पेश किया जाता है और यह न्यायिक प्रणाली पर बोझ डालता है.
मुंबई: पूर्व प्रधान न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित ने सोमवार को कहा कि हाल के समय में दीवानी विवादों (Civil Disputes) को आपराधिक रंग दिया जा रहा है और अकारण गिरफ्तारियां की जा रही हैं, जिससे न्याय व्यवस्था पर बोझ पड़ता है.
पूर्व सीजेआई बॉम्बे हाईकोर्ट में ‘आपराधिक न्याय को प्रभावी बनाने’ संबंधी विषय पर जस्टिस केटी देसाई स्मृति व्याख्यान में बोल रहे थे.
जस्टिस ललित ने कहा कि हाल के दिनों में गिरफ्तारियां स्वाभाविक रूप से बार-बार और बिना किसी कारण के की जा रही हैं.
उन्होंने कहा, ‘गिरफ्तारी यह देखे बिना की जाती है कि क्या इसकी आवश्यकता है. दीवानी विवादों को आपराधिक मामलों के रूप में पेश किया जाता है और यह न्यायिक प्रणाली पर बोझ डालता है.’