बिना नोटिस दिए बुलडोज़र के सहारे लोगों को उनके घर से बेदख़ल नहीं कर सकते: दिल्ली हाईकोर्ट
The Wire
अदालत ने दिल्ली के शकरपुर क्षेत्र में कई झुग्गी-झोपड़ियों को गिराए जाने से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि किसी भी तोड़-फोड़ की कार्रवाई को शुरू करने से पहले प्रभावित लोगों को एक उचित अवधि और अस्थायी ठिकाना प्रदान किया जाना चाहिए.
नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि बिना कोई नोटिस दिए किसी व्यक्ति को, सुबह-सुबह या देर शाम उनके दरवाजे पर बुलडोजर खड़ा करके, घर से बेदखल करते हुए पूरी तरह से आश्रय-रहित नहीं किया जा सकता है.
जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने राष्ट्रीय राजधानी के शकरपुर क्षेत्र में कई झुग्गी झोपड़ियों को गिराए जाने से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) से परामर्श करते हुए काम करना होता है और किसी भी तोड़-फोड़ की कार्रवाई को शुरू करने से पहले ऐसे लोगों को एक उचित अवधि और अस्थायी ठिकाना प्रदान किया जाना चाहिए.
अदालत ने कहा कि एक व्यक्ति, डीडीए जिसके अतिक्रमणकर्ता होने का दावा करता है, को रात ही रात में उसने घर से बाहर करने की कार्रवाई स्वीकार नहीं की जा सकती है.
अदालत ने कहा कि डीडीए को इस तरह की किसी भी कार्रवाई को शुरू करने से पहले डीयूएसआईबी के साथ परामर्श करके काम करना होता है और किसी व्यक्ति को, सुबह-सुबह या देर शाम उनके दरवाजे पर बुलडोजर खड़ा करके, घर से बेदखल करते हुए पूरी तरह से आश्रय-रहित नहीं किया जा सकता है.