
बिटकॉइन: क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग के धंधे में अमेरिका के बाद दूसरा सबसे बड़ा देश कैसे बना कज़ाख़स्तान
BBC
पिछले साल जब चीन ने अचानक ही क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग पर पाबंदी का एलान कर दिया था तो कज़ाख़स्तान में ये इंडस्ट्री तेज़ी से फलने-फूलने लगी.
पिछले साल जब चीन ने अचानक ही क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग पर पाबंदी का एलान कर दिया था तो पड़ोसी देश कज़ाख़स्तान में ये इंडस्ट्री तेज़ी से फलने-फूलने लगी.
आज की तारीख़ में मध्य एशिया का ये देश क्रिप्टो माइनिंग के मामले में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है लेकिन बेहसाब बिजली खपत करने वाले इस इंडस्ट्री के डेटा सेंटर्स कज़ाख़स्तान में कोयले से चलने वाले पावर प्लांट्स पर दबाव बढ़ा रहे हैं. प्रदूषण बढ़ रहा है और कार्बन उत्सर्जन भी.
मोल्दिर शुभायेवा कज़ाख़स्तान में क्रिप्टो माइनिंग के कारोबार में उतरने वाली नई पीढ़ी की बिज़नेसवूमन हैं. वो जैसे ही इंजीनियरों और दूसरे कंस्ट्रक्शन वर्कर्स की भीड़ से निकलकर अपनी नई बिटकॉइन माइन की धूल भरी साइट पर पहुंचती हैं, अलग ही लगती हैं.
उनके कपड़ों से उनकी स्मार्टनेस झलकती है. 35 साल की मोल्दिर पीले रंग की लेंस वाले चश्मे से बाहर का नज़ारा देख रही हैं. सामने वेल्डिंग का काम चल रहा है और इमारत की नींव रखने के लिए ट्रक से बजरी गिराई जा रही है.
कज़ाख़स्तान के अलमाती शहर में बन रही अपनी नई बिटकॉइन माइन के निर्माण के हर पहलू पर उन्होंने बारीक़ नज़र रखी हुई है.