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बाल विवाह को वैध करने के आरोपों के बीच राजस्थान में नए बिल पर बवाल
NDTV India
राज्य के कानून मंत्री शांति धारीवाल ने कहा, ये उच्चतम न्यायालय का फैसला है कि शादी चाहे माइनर की हो या मेजर की हो, उसका रजिस्ट्रेशन आवश्यक है. सदन के पटल पर, भी राज्य के कानून मंत्री ने कहा, विवाह प्रमाण पत्र एक कानूनी दस्तावेज है जिसके अभाव में विधवा को किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा.
राजस्थान (Rajasthan) में विवाहों का अनिवार्य रजिस्ट्रेशन के लिए अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) सरकार राजस्थान विवाह अनिवार्य पंजीकरण (संशोधन) विधेयक (The Rajasthan Compulsory Registration Of Marriages (Amendment) Bill) लेकर आयी है, जो अब एक विवाद का विषय बन गया है. यह विवाद अनिवार्य अधिनियम 2009 की धारा 8 में लाये गए संशोधन को लेकर है, जिसमें लिखा है की उस विवाह का भी पंजीकरण 30 दिनों के अंदर होना चाहिए, जिसमें वर-वधू 18 और 21 साल से नीचे के हैं. यानी बाल विवाह की स्थिति में वर-वधू के माता पिता को उनके विवाह का पंजीकरण करवाने की ज़िम्मेदारी होगी.