
बाल दिवस: देश के अनाथालयों में लड़कों से 38 फ़ीसदी अधिक लड़कियां
BBC
बीबीसी गुजराती ने सूचना के अधिकार के ज़रिए सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी से जानकारी जुटाई और पाया कि देशभर के अनाथाश्रमों में 1032 लड़कों के मुक़ाबले 1432 लड़कियां गोद लेने के लिए उपलब्ध हैं.
आज 14 नवंबर यानी 'बाल दिवस' है. वो दिन जिसे देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने बच्चों को समर्पित किया.
आज ही के दिन सूरत के सिविल अस्पताल में एक 15 दिन की बच्ची का इलाज चल रहा है. वह 28 अक्टूबर को सूरत के भेस्तान इलाके में कूड़े के एक ढेर से मिली थी.
भरतभाई बेल नाम के एक व्यक्ति को ये अनाथ बच्ची मिली जिसे वे सीधा अस्पताल ले आए. उनकी संवेदनशीलता और समय रहते हुए उठाए गए कदम ने बच्ची की जान बचाई.
उस घटना को याद करते हुए भरत भाई बेल कहते हैं, "मेरी आंखों में अब भी आंसू आ जाते हैं क्योंकि मुझे याद है कि वह वहां कैसे पड़ी हुई थी. वो बेहद पवित्र है, मुझे नहीं पता कि मेरे आंसू उसकी हालत के लिए थे या उसकी मासूमियत के लिए थे, या फिर उसके निर्दयी और क्रूर पिता की ऐसी हरक़त इसकी वजह थे.''
''उसे एक बैग में बंद करके कूड़े के ढेर पर रखा गया था और सड़कों पर रहने वाले कुत्ते उस बैग को नोच कर बच्ची को बाहर निकालने की कोशिश कर रहे थे.''