बार्ज P-305 हादसा मामला: आज भी लापता परिजनों के लिए भटक रहे हैं पीड़ित परिवार
ABP News
शिवकुमार मिश्रा के 75 साल के पिता बच्चा मिश्रा कुशीनगर से पहली बार मुंबई आए हैं. बच्चा मिश्रा ने कभी सोचा भी नहीं था कि वह जिंदगी में कभी मुंबई आएंगे तो अपने बेटे के शव की पहचान के लिए कदम रखेंगे.
नई दिल्लीः चक्रवाती तूफान 'ताऊते' को गुजरे 1 महीने का वक्त हो गया है. इस चक्रवाती तूफान की चपेट में आए बार्ज 305 हादसे और टग बोट वरप्रदा हादसे में 86 लोगों की मौत हुई है. इंडियन नेवी, कोस्ट गार्ड और समुद्री किनारों से कुल 86 शव बरामद किए गए हैं. इस हादसे के लगभग 1 महीने का वक्त गुजर जाने के बाद भी कई पीड़ित परिवार ऐसे हैं जो अपने परिजनों की तलाश में आज भी भटक रहे हैं. उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के रहने वाले शिवकुमार मिश्रा बार्ज P-305 पर बतौर सुपरवाइजर काम कर रहे थे. शिवकुमार मिश्रा 6 महीने से इस 'बार्ज पापा 305' पर तैनात थे और 2 दिन और काम करने के बाद वह छुट्टी पर अपने गांव जाने वाले थे. हादसे की 1 महीने बीत जाने के बाद भी शिव कुमार मिश्रा के परिजन मुंबई में दर-दर भटक रहे हैं.More Related News