बाबरी विध्वंस केस: निचली अदालत के फैसले के खिलाफ याचिका पर आदेश सुरक्षित, आडवाणी हुए थे बरी
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न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति सरोज यादव की पीठ ने अयोध्या वासियों हाजी महमूद अहमद और सैयद अखलाक अहमद की अपील सुनवाई योग्य है या नहीं, इस पर अपना आदेश सुरक्षित रखा है.
लखनऊ. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस मामले में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और कई अन्य वरिष्ठ नेताओं समेत 32 आरोपियों को बरी किए जाने के निचली अदालत के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया.
याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं, फैसला सुरक्षित न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति सरोज यादव की पीठ ने अयोध्या वासियों हाजी महमूद अहमद और सैयद अखलाक अहमद की अपील सुनवाई योग्य है या नहीं, इस पर अपना आदेश सुरक्षित रखा है. दोनों याचिकाकर्ताओं का कहना है कि वे ढांचा विध्वंस मामले की अदालती कार्रवाई के दौरान अभियुक्तों के खिलाफ गवाह थे और वे विवादित ढांचे को ढहाये जाने के पीड़ित भी हैं.