बांग्लादेश से अमेरिका की नाराज़गी लगातार क्यों बढ़ रही है?
BBC
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना अमेरिका के रुख़ से नाराज़गी जता चुकी हैं. दूसरी तरफ़ अमेरिकी प्रतिबंध बांग्लादेश पर बढ़ता जा रहा है. आख़िरी ऐसा क्या हुआ कि बांग्लादेश अमेरिका के निशान पर आ गया?
लोकतंत्र और मानवाधिकार जैसे मूल्यों को लेकर बांग्लादेश पर प्रतिबंध लगाने के अमेरिका के फ़ैसले को अमेरिकी विदेश नीति में बड़ा बदलाव माना जा रहा है.
बाइडन प्रशासन के इस क़दम को भू-राजनीतिक हितों के चलते रणनीतिक स्थिति में हुए परिवर्तन के तौर पर भी देखा जा रहा है.
इससे पहले अमेरिका ने 2021 के 'लोकतंत्र सम्मेलन' से बांग्लादेश को दूर रखा. उसके विशेष बलों ने मानवाधिकार दिवस (10 दिसंबर) के दिन बांग्लादेश के रैपिड एक्शन बटालियान (RAB) और कई अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिया.
इसके अलावा, छह साल पहले बांग्लादेश के लेखक अभिजीत रॉय को मारने वाले भगोड़े हत्यारों को पकड़ने के लिए सूचना देने वालों को 50 लाख डॉलर (क़रीब 37 करोड़ रुपये) का इनाम देने का एलान किया.
इस तरह कई वजहों से इन दिनों अमेरिका और बांग्लादेश के संबंधों पर काफ़ी विचार-विमर्श होने लगा है. जानकारों में इस बात को लेकर काफ़ी उत्सुकता है कि बांग्लादेश में लोकतंत्र, मानवाधिकार और क़ानून का शासन जैसे मुद्दों को लेकर अमेरिका आख़िर अब क्यों मुखर हुआ है.