बांग्लादेश में चुनाव की तैयारी तेज... CEC बोले- 18 करोड़ लोगों को वापस मिलेगा वोटिंग का अधिकार
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ढाका ट्रिब्यून अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव आयोग फिर से इन लोगों को मतदान का अधिकार देना चाहता है. सीईसी ने मतदाता सूची अद्यतनीकरण अभ्यास से पहले चुनाव अधिकारियों के लिए एक ट्रेनिंग कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव आयोग (ईसी) इस तथ्य को दूर करना चाहता है कि लोग इतने लंबे समय से मतदान के अधिकार से वंचित हैं.
बांग्लादेश के मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) एएमएम नासिर उद्दीन ने रविवार को कहा कि लगभग 18 करोड़ लोगों को उनके मतदान के अधिकार से वंचित किया गया है. ढाका ट्रिब्यून अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव आयोग फिर से इन लोगों को मतदान का अधिकार देना चाहता है. सीईसी ने मतदाता सूची अद्यतनीकरण अभ्यास से पहले चुनाव अधिकारियों के लिए एक ट्रेनिंग कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव आयोग (ईसी) इस तथ्य को दूर करना चाहता है कि लोग इतने लंबे समय से मतदान के अधिकार से वंचित हैं.
उन्होंने कहा, "हम उनके वंचित होने के दर्द को दूर करना चाहते हैं. हम अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ हैं."
संभावित मतदाताओं की सूची को अपडेट करने के लिए देश भर में डोर-टू-डोर डेटा संग्रह 20 जनवरी से शुरू होगा. सीईसी ने कहा कि वे उन 18 करोड़ लोगों की बात सुनने के लिए यहां हैं जो मतदान के अधिकार से वंचित हैं. उन्होंने कहा, "हमने जिम्मेदारी ली है ताकि हम उनके वंचित होने को दूर कर सकें. आयोग का मुख्य टारगेट निष्पक्ष और विश्वसनीय चुनाव कराना है. यह आज से शुरू होकर परिणाम आने तक की मैराथन दौड़ है."
सीईसी ने कहा, "हमारा लक्ष्य, प्रतिबद्धता और राष्ट्र के प्रति वादा एक स्वतंत्र, निष्पक्ष और विश्वसनीय चुनाव प्रस्तुत करना है, क्योंकि राष्ट्र इतने लंबे समय से इससे वंचित रहा है."
आवामी लीग शासन के दौरान हुए चुनावों की जांच करेगी आयोग
इस बीच, चुनाव आयोग ने पिछले सभी चुनावों में अनियमितताओं और कमियों की जांच करने का फैसला किया है, जिसमें 2014, 2018 और 2024 में अवामी लीग के शासन के दौरान कथित विवादास्पद रहे तीन पूर्ववर्ती चुनाव भी शामिल हैं. 2014, 2018 और 2024 के राष्ट्रीय चुनावों को व्यापक रूप से देश के इतिहास में सबसे विवादास्पद चुनावों में से कुछ माना जाता है.
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