
बांग्लादेश के बाद त्रिपुरा में हिंसा, इन हमलों के पीछे किसका हाथ, किसको फायदा?
The Quint
tripura violence:बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के बाद त्रिपुरा में मुसलमानों के खिलाफ हिंसा भड़क गई,
बांग्लादेश (Bangladesh) भारत में बहुत सारी वजहों से सुर्खियों में रहता है. कभी उसका जिक्र इसलिए होता है कि उसने आर्थिक मानदंडों पर अपने विशालकाय पड़ोसी देश को पछाड़ दिया है, कभी सीमा से सटे राज्यों के चुनावी भाषणों में वह छाया रहता है. अभी हाल ही में बांग्लादेश ब्रेकिंग न्यूज तब बना, जब वहां दुर्गा पूजा के मौके पर हिंदुओं को निशाना बनाया गया.ADVERTISEMENTनई नहीं है बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसायूं तो बांग्लादेश में पूजा पंडालों पर हमले कोई नई बात नहीं है. वहां ऐसी घटनाएं लगातार होती रहीं हैं जो कि जाहिर सी बात है, बहुत परेशान करने वाली बात है. लेकिन इस साल कुछ अलग हुआ. ऐसी घटना सिर्फ कमिला शहर में नहीं हुई, बल्कि उसकी आंच देश के दूसरे हिस्सों में भी पहुंची.बांग्लादेश में शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार हालिया हिंसा और अपराधियों से निपटने में मुस्तैद दिखी.हां, एक बात और अलग थी कि भारत में इन घटनाओं को कैसे लिया गया. इस पर भारत सरकार की प्रतिक्रिया खुलकर सामने नहीं आई.दक्षिणपंथी हिंदुत्व ब्रिगेड ने अपने गुस्से और उकसाहट को वर्चुअल वर्ल्ड तक समेटे रखा. भारत में मुसलमानों के खिलाफ हमलों की ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं आई जिसे बांग्लादेश के घटनाक्रम के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सके. 19 अक्टूबर तक यही स्थिति थी. फिर एकाएक त्रिपुरा में हिंसा शुरू हो गई.मस्जिदों में तोड़ फोड़ की गई. मुसलमानों की बस्तियों, दुकानों वगैरह पर हमले किए गए.ADVERTISEMENTखबरें धीरे धीरे आ रही हैं. लेकिन जब तक देश को इन घटनाओं की पूरी जानकारी मिलती, ये हमले उत्तरी त्रिपुरा के ज्यादातर हिस्सों में होने लगे. इन हमलों का पैटर्न देखकर लगता है कि पूरी योजना बनाकर इन्हें अंजाम दिया जा रहा है.लेकिन त्रिपुरा में ही क्यों? और वह भी अब?इन सवालों के जवाब ढूंढने से पहले, आइए उस नरेटिव को समझें जो इन दिनों गढ़ा जा रहा है.त्रिपुरा में मुसलमानों के साथ हिंसा बहुत नई बात हैत्रिपुरा के लिए हिंसा कोई नई बात नहीं. ये राजनैतिक कारणों से भड़कती रही है. पहले लेफ्ट बनाम कांग्रेस का मामला था, और अब बीजेपी बनाम लेफ्ट या टीएमसी का मुद्दा है. इसके अलावा जातीय कारणों से भी वहां हिंसा भड़कना बहुत मामूली बात है.त्रिपुरा में अपनी सामाजिक त्रुटियां भी हैं. लेकिन यह जातियों पर आधारित हैं. वहां &ldquo...