बलात्कार के अधिकतर मामलों में सीआरपीसी के ज़रूरी प्रावधानों का पालन नहीं किया गया: कोर्ट
The Wire
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 161 (3) के प्रावधानों के तहत बलात्कार और यौन शोषण पीड़िताओं के बयान महिला पुलिस अधिकारी द्वारा ऑडियो-वीडियो के माध्यम से दर्ज करना अनिवार्य है और अधिकांश मामलों में ऐसा नहीं होता. अदालत ने राज्य के पुलिस महानिदेशक और प्रमुख सचिव (गृह) को दो महीने के भीतर सीआरपीसी के प्रावधानों के अनुपालन संबंधी दिशानिर्देश जारी करने को कहा है.
लखनऊः इलाहाबाद हाईकोर्ट का कहना है कि बलात्कार के अधिकतर मामलों में सीआरपीसी की धारा 161 (3) के प्रावधानों का पालन नहीं किया जाता है. दरअसल सीआरपीसी की धारा 161 (3) के प्रावधानों के तहत बलात्कार और यौन शोषण की पीड़िताओं के बयान महिला पुलिस अधिकारी द्वारा ऑडियो-वीडियो के माध्यम से दर्ज करना अनिवार्य है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत ने राज्य के पुलिस महानिदेशक और प्रमुख सचिव (गृह) को दो महीने के भीतर सीआरपीसी की धारा 161 (3) के पहले और दूसरे प्रावधानों का पालन करने के लिए सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों (एसएसपी) को दिशानिर्देश जारी करने का निर्देश दिया है. सीआरपीसी की धारा 161 (3) के पहले और दूसरे प्रावधानों के तहत कहा गया है कि बलात्कार और यौन शोषण के मामलों में पीड़िताओं का बयान महिला पुलिस अधिकारी द्वारा ऑडियो-वीडियो माध्यम से दर्ज किया जाना चाहिए.More Related News